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कमीशन के मकडज़ाल में अटकी मुख्यमंत्री रोजगार योजनाएं

locationरीवाPublished: Dec 18, 2017 09:01:52 pm

Submitted by:

Rajesh Patel

संभाग में दस हजार से ज्यादा युवाओं के आवेदन बैंकों में डंप’ अफसरों के कार्यालय से लेकर बैंकों का चक्कर लगा रहे बेरोजगार

Brokerage stuck in the middle Chief ministers schemes

Brokerage stuck in the middle Chief ministers schemes

रीवा. सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी और स्वरोजगार योजना बेरोजगार युवाओं के लिए बेमानी है। रीवा, सतना, सीधी और सिंगरौली में ये योजनाएं कमीशन के मकडज़ाल में फंस कर रह गई हैं। तभी तो वित्तीय वर्ष 2017-18 का 9 माह बीतने के बावजूद संभाग में दस हजार से ज्यादा युवाओं के आवेदन अफसरों की टेबल से लेकर बैंकों के लॉकर में कैद हो गए हैं।
2394 प्रकरण स्वीकृत कर बैंक को 15984.00 लाख का ऋण मंजूर
संभागायुक्त एसके पाल की समीक्षा के दौरान उद्योग विभाग के अधिकारियों के द्वारा दी गई जानकारी में अकेले मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत अफसरों के कार्यालय में जमा किए गए आवेदन में से पचास फीसदी युवाओं क? रोजगार र नहीं दिया जा सका है। रीवा में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत पांच हजार आवेदन जमा किए गए, जिसमें 2394 प्रकरण स्वीकृत कर बैंक को 15984.00 लाख का ऋण मंजूर करने भेजा गया। लेकिन पचास फीसदी को भी रोजगार नहीं मिला।
50 हजार रुपए ऋण स्वीकृत होने के बाद तीन साल से भटक रहा युवा
इसी तरह सतना, सीधी और सिंगरौली की स्थिति है। उदाहरण के तौर पर उपरहटी निवासी कुसुम कली चूल्हा चौका कर परिवार चलाती है। सिलाई केन्द्र खोलने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत चार माह पहले आवेदन दिया था। महिला ने बताया कि 50 हजार रुपए ऋण का भुगतान इसलिए नहीं किया जा रहा है कि कमीशन के रूप में दस हजार रुपए नहीं दिया। यही हाल अन्य आवेदकों का भी है।
महाप्रबंधक के कार्यालय में लटक रहा ताला, भटक रहे युवा
रायपुर कर्चुलियान निवासी संजय कुमार पुत्र लोहदर सेन जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र पहुंचे। महाप्रबंधक कक्ष में ताला लटक रहा था। पूछने पर संजय ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 50 हजार रुपए का ऋण स्वीकृत किया गया था, जिसकी सब्सिडी विभाग के द्वारा बैंक को आज तक नहीं भेजी गई। इस दौरान साथ में मौजूद कई अन्य युवाओं ने बताया कि कमीशन नहीं देने के कारण न तो सब्सिडी का लाभ मिल रहा है और न ही फाइलें स्वीकृत की जा रही हैं। कुठिला गांव निवासी बबलू ने बताया कि जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र कार्यालय में बगैर कमीशन लिए फाइल बैंक को नहीं भेजी जाती है।
सतना-सिंगरौली फिसड्डी
संभाग में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनाओं के तहत युवाओं को रोजगार दिलाने में सतना और सिंगरौली जिला सबसे फिसड्डी है। इसके अलावा रीवा जिला भी युवाओं द्वारा जमा किए गए आवेदन के तहत रोजगार उपलब्ध कराने में फिसड्डी चल रहा है। सतना में दो हजार से ज्यादा युवाओं ने आवेदन किया है। लेकिन २१६ युवाओं को ही रोजगार दिया गया है।
नोटिस के बाद भी नहीं जागे जिम्मेदार
संभागायुक्त एसके पॉल सप्ताहभर पहले जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र रीवा के महाप्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी कर चुके हैं। इसके बाद भी लापरवाही बनी हुई है। शनिवार दोपहर कार्यालय में ताला लटक रहा था।
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