सीधी हादसे से सबक नहीं : 50 यात्रियों के मारे जाने के बाद भी नहीं जागे जिम्मेदार, ओवरलोड पार्सल लोढ़ कर रहे आपरेटर
जिला मुख्यालय से 350 से अधिक बसों का संचालक, 150 से अधिक बाहर से आने-जाने वाले बसें लगेज के नाम पर पार्सल कर रहीं परिवहन


रीवा. मध्य प्रदेश के सीधी बस हादसे में 50 यात्रियों के मारे जाने के बाद भी जिम्मेदार नहीं जागे। हादसे के दूसरे दिन बुधवार को रेवांचल बस स्टैंड और सरदार पटेल अंतरराष्ट्रीय बस स्टैंड पर ओवरलोड सवारियां और लगेज के नाम पर बसों की छत पर पार्सल परिवहन यिका जा रहा है। बस परिचालक सीधी हादसे से भी सबक नहीं नहीं ले रहे हैं। जिले में बाहर से आने वाले अधिकतर बसें हर रोज की तरह हादसे के बाद भी बसों की छत पर पार्सल लोढकर रीवा पहुंचीं।
कमिश्नर की चेतावनी के बाद भी नहीं जागे
रीवा मुख्यालय से प्रदेश के विभिन्न बड़े शहरों से बसों का संचालन है। ज्यादातर बसें सुबह चार बजे भोर से लेकर सुबह दस बजे तक दर्जनों की संख्या में लग्जरी बसों का बाहर से आने के बाद ठहराव है। अधिकांश बसें लगेज के नाम पर बड़े मात्रा में पार्सल लोढ कर परिवहन कर रहीं हैं। कमिश्नर राजेश कुमार जैन के चेतावनी के बाद भी जिले में परिवहन विभाग तमाशबीन बना रहा। कलेक्टर कार्यालय के सामने मंगलवार की सुबह और शाम को भी पार्सल बसों से अनलोड किया गया। इसके अलावा सिंगरौली, सीधी समेत प्रयागराज, बनारस, मिर्जापुर जाने वाली बसों में पार्सल शिफ्ट किया गया।
भगवान भरोसे बसों का फिटनेश
बताया गया कि जिला मुख्यालय से नए और पुराने बस स्टैंड से 350 से अधिक बसों का संचालन किया जा रहा है। एक तिहाई बसों का फिटनेश भगवान भरोसे है। कुछ बसों को छोड़ दे तो ज्यादातर बसों के टायर में गोटियां तक नहीं हैं। यही नहीं बसों में न तो फास्ट-एड बाक्स है और ही अन्य सुविधाएं हैं। हैरान करने वाली बात तो यह कि बसों के पिछले दरवाजे की खिड़कियों पर सीट बना दी गई है।
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