सीधी हादसा : किसी को टीवी-मोबाइल पर घटना की जानकारी मिली तो कुछ के पास पहुंचा फोन
- घटना स्थल से लेकर पोस्टमार्टम स्थल तक अपनों को तलाशते रहे लोग, आखों से जब तक नहीं देखा, उम्मीद थी शायद जिंदा बचे हों

रीवा। वसंती पंचमी के दिन सीधी जिले के बघवार के पास सरदा गांव में हुई हृदय विदारक घटना ने सबको झकझोर दिया। जिन्होंने अपने परिजन खोए हैं वह जब तक अपनी आंखों से शवों को नहीं देखे तब तक उन्हें उम्मीद थी कि शायद उनके यात्री जिंदा मिल जाएं।
मौके पर पहुंचे लोगों ने बताया कि कुछ को पता टीवी पर चल रहे समाचार को देखने से मिला, तो वहीं सोशल मीडिया में चल रही खबरों से कइयों को जानकारी मिली कि सीधी से सतना जा रही यात्री बस नहर में डूब गई है। इन सूचनाओं को देखने के बाद कुछ लोगों ने अपने परिचितों को फोन लगाकर पूछा कि वह पता कर लें कहीं उनके घरों के लोग तो नहीं हैं।
इसी तरह से अधिकांश के परिजनों तक सूचना पहुंच गई। सुबह 11 बजे से लोगों का आना शुरू हो गया था। रेस्क्यू टीम जैसे ही मृतकों को निकालती गई लोग पहचान करते गए। वहीं जिन यात्रियों के परिजन देर से पहुंचे वह पहले नहर के पास निकल रहे शवों की पहचान के लिए मौजूद रहे।
प्रशासन द्वारा निकाले गए शव रामपुर नैकिन पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए थे। इसके बाद वहां भी लोग गए और अपनों की पहचान की। इस दौरान घटना स्थल से लेकर पोस्र्टमार्टम के स्थल तक विलखते परिजनों को देखकर हर किसी का दिल पसीज गया।
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बेटी ने कहा था नौकरी मिल जाएगी तो मां-बाप का सहारा बनेगी
सिंगरौली जिले के निगरी के नजदीक धनवाही गांव से पहुंची श्यामदेवी सिंह ने बताया कि उनकी बेटी कोमल नौकरी के लिए लगातार प्रयास कर रही थी। परीक्षा देने सतना जाने से पहले कहा था कि नौकरी मिल जाएगी तो वह बुढ़ापे में मां-बाप का सहारा बनेगी। जीवन में अब तक जो इच्छाएं आर्थिक तंगी के चलते अधूरी रह गई हैं उन्हें पूरा करने का प्रयास करेगी। बेटी खोने के बाद इसके आगे श्यामादेवी बस फफककर रोने लगीं और कुछ बताने की स्थिति में नहीं रहीं।
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बहन को लेने जा रहे भाई की रास्ते में ही जलसमाधि
सीधी से अपनी बहन को लेने के लिए बलिया उत्तर प्रदेश जा रहे रमेश कुमार विश्वकर्मा की भी नहर में डूबने से मौत हो गई। युवक को तलाशने परिजन पहुंचे मौके पर नहीं मिला तो पोस्टमार्टम स्थल आए, यहां भी नहीं मिला। शाम तक इस उम्मीद में रहे कि हो सकता है जिंदा बच जाए लेकिन आखिरकार शव मिला। युवक को सतना से ट्रेन पकडऩा था इसलिए बस से जा रहा था।
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बेटे-बहू दोनों का शव लेकर कैसे घर जाएं
सीधी जिले के कुसमी क्षेत्र के देउरी(भुइमाड़) के रहने वाले अजय पनिका अपनी पत्नी तपस्या को एएनएम की परीक्षा दिलाने के लिए सतना जा रहे थे। अजय की मां ने बताया कि बीते साल ही दोनों की शादी हुई थी, अब एक साथ यह घटना हो गई। वह रो-रोकर बेहाल थी और कह रही थी कि बेटे और बहू का शव लेकर वह घर कैसे जाएगी। इस घटना ने जैसे सबकुछ छीन लिया
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