प्रत्यक्षदर्शियों की आंखों देखी : बस नदी में गिरते ही पानी के बहाव में बहने लगी थी, इन जाबाजों ने अपनी जान पर खेलकर यात्रियों को बचाया
- स्थानीय लोगों ने पानी में बह रहे लोगों को बचाया और आग जलाकर ठंडक दूर कराई

रीवा। सुबह के करीब साढ़े सात बजे का समय था। सीधी से बघवार के रास्ते यात्री बस सतना जा रही थी। बघवार से सरदा-पटना की नहर के किनारे के मार्ग से तेज गति से बस जा रही थी। एक ट्रक को ओवरटेक कर कुछ आगे निकली ही थी कि उसी बीच सामने से चार पहिया वाहन आ गया।
सामने से आ रहे वाहन ने अचानक अपनी दिशा बदल दी जिसके चलते यात्री बस का भी नियंत्रण बिगड़ गया। बस दाहिने साइड में सड़क का हिस्सा पकड़कर बढ़ ही रही थी कि अचानक बाणसागर परियोजना की नहर में जा गिरी। इस दौरान कुछ लोग अपने खेत में थे तो कुछ घरों के पास से यह दृश्य देख रहे थे।
बस जैसे ही नहर में गिरी चीख-पुकार की आवाज तेजी से आई और उसी गति से खामोश भी हो गई। आसपास के लोगों ने यह देखकर दौड़ लगा दी, कोई निहत्थे दौड़ा तो कोई रस्सी या फिर अन्य सामान लेकर।
लोगों ने बताया कि बस पानी में गिरी तो एक झटके में अंदर नहीं गई, वह नहर के पानी के बहाव में बहने लगी। साथ ही उसका हिस्सा धीरे-धीरे पानी में डूबता गया। घटना स्थल से करीब सौ मीटर की दूरी तक बस पानी में तैरते गई और फिर उसी में समा गई।
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सुबह जब घटना हुई तो सामने रहने वाले युवकों ने तत्काल छलांग लगा दी। हम लोग भी पहुंचे और लोगों को बाहर निकलवाया। कई लोग पानी में बह रहे थे, संख्या बता पाना मुश्किल है। एक घंटे के बाद पुलिस एवं प्रशासन का आना शुरू हुआ और बस को निकाला गया।
श्रवण द्विवेदी, निवासी मलगांव
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सुबह हम घर के बाहर खड़े थे, तेज गति से जा रही बस को देख ही रहे थे कि वह अनियंत्रित होकर नहर में गिर गई। मोहल्ले के लोगों ने मिलकर बह रहे यात्रियों को निकाला। बस में सवार 12 लोग बचाए गए हैं, कुछ पानी में अंदर से बह भी गए हैं।
रामनिवास लोनिया, स्थानीय निवासी
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जैसे ही बस डूबने की जानकारी मिली हम दौड़ पड़े और एक लड़की बह रही थी, पहले उसे बचाया फिर अन्य लोगों को निकाला। हम लोग पानी के भीतर से निकाल रहे थे और अन्य लोग उन्हें बाहर पहुंचा रहे थे।
लवकुश लोनिया, स्थानीय निवासी
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बस के एक्सीडेंट होने के दौरान मैं घर के भीतर था। सबने बताया कि दुर्घटना हो गई। मैं भी आया और करीब दस मिनट तक पानी में डूबकर बस की तलाश की तब पता चला कि किस हिस्से में बस है। जहां गिरी थी, उससे सौ मीटर दूर चली गई थी।
जगबंधन लोनिया, स्थानीय निवासी

- यात्रियों का सिर नीचे था और तेज गति से बहते जा रहे थे
घटना स्थल के नजदीक रहने वाले लोगों ने बताया कि बस पानी में पूरी तरह से डूब गई थी, उसका कोई पता नहीं लग रहा था। लेकिन उसमें मौजूद कई यात्री पानी के बहाव में बहने लगे थे। एक साथ करीब आधा दर्जन से अधिक युवकों ने पानी में छलांग लगाकर लोगों को पकडऩा शुरू कर दिया। रेस्क्यू करने वालों ने बताया कि बहते समय यात्री बेसुध थे, वह हाथ-पैर भी नहीं चला पा रहे थे। अधिकांश पेट के बल बह रहे थे, उनका सिर पानी में डूबा था। युवक इन्हें निकालकर बाहर तक पहुंचाते और महिलाएं एवं बुजुर्ग बाहर इनकी मदद के लिए आग जलाने और कंबल देने का काम कर रहे थे। स्थानीय लोगों की यह मदद लोगों के लिए प्रेरणादायी रही। रेस्क्यू करने वालों में प्रमुख रूप से लवकुश लोनिया, रामपाल लोनिया, रामनिवास लोनिया, सुलेन्दर लोनिया, जगबंधन लोनिया, दीपेश मिश्रा सहित स्थानीय महिलाओं और बुजुर्गों ने भी मेहनत की।
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