घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार बस संचालक शैलेंद्र सिंह रिंकू का 21 वर्षीय पुत्र मानवेंद्र सिंह बीकॉम द्वितीय वर्ष का छात्र था। शनिवार की दोपहर तकरीबन 2 बजे अपने कमरे में बैठकर वह पढ़ाई कर रहा था। इसी बीच उसे क्या खयाल आया कि उसने अपने वाट्सएप के स्टेटस को बदला और पिता की लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली। गोली लगते ही उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
हालांकि गोली चलने की आवाज सुनकर घर के लोग मानवेंद्र के कमरे की ओर दौड़े। उसे लहूलुहान देख तत्काल अस्पताल ले जाने की तैयारी में जुटे लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना मिलते ही सिविल लाइन मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए संजय गांधी अस्पताल भेजा। फिर पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनो को सौंप दिया।
बताया जा रहा है कि मानवेंद्र ने अपने वाट्सएप स्टेटस पर लिखा है, “पापा मैं आपका नाम रोशन करना चाहता था, लेकिन मुझे यह गलत काम करना पड़ रहा है। इसमें मेरी गलती नहीं है। मेरे जाने के बाद सब मुझे हंस-हंस के विदा करेंगे। अगर कोई रोता है या मेरे माता-पिता व परिवार वालों को कुछ कहता है तो मैं सपने में आकर उसे डराऊंगा। मुझे हंस-हंस के विदा करिएगा।”
“मानवेंद्र सिंह ने पिता की लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली है पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की विवेचना शुरू कर दी है।”-ओंकार तिवारी, थाना प्रभारी सिविल लाइन