ड्राइवर, कंडेक्टर व खलासी के सामने समस्या
बसों में काम करने वाले ड्राइवर, कंडेक्टर व खलासी का परिवार भूखों की मरने की कगार पर पहुंच गया। तीन माह से उनका काम पूरी तरह से बंद है। सोमवार से उनको बसों के संचालन की उम्मीद थी लेकिन एक भी बसें गंतव्य के लिए रवाना नहीं हुई जिससे उम्मीदों पर पानी फिर गया। बसों पर आश्रित सैकड़ों परिवार आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं।
बसों में काम करने वाले ड्राइवर, कंडेक्टर व खलासी का परिवार भूखों की मरने की कगार पर पहुंच गया। तीन माह से उनका काम पूरी तरह से बंद है। सोमवार से उनको बसों के संचालन की उम्मीद थी लेकिन एक भी बसें गंतव्य के लिए रवाना नहीं हुई जिससे उम्मीदों पर पानी फिर गया। बसों पर आश्रित सैकड़ों परिवार आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं।