169 वर्ष पुराने सरकारी प्रिंटिंग प्रेस को बचाने चलेगा अभियान, जानिए क्यों है खास
रीवाPublished: Nov 26, 2020 11:54:14 am
– शहर के बुद्धिजीवियों की बैठक में मांगों रखने की तय की गई रूपरेखा
Campaign to save 169 year old government printing press, rewa
रीवा। रीवा में सन 1851 से संचालित सरकारी प्रिंटिंग प्रेस के अस्तित्व को बचाने की मुहिम शुरू किए जाने की तैयारी की गई है। इसके लिए शहर के बुद्धिजीवियों ने बैठक कर रूपरेखा तय की है और कहा है कि पहले सरकार के सामने मांगें रखी जाएं, यदि मांगों की अनदेखी की जाती है तो गांधीवादी तरीकों से सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने का प्रयास किया जाएगा। प्रदेश महिला कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष कविता पाण्डेय ने शहर के अलग-अलग हिस्सों के बुद्धिजीवी वर्ग के साथ बैठक कर मांगें रखने के संबंध में सुझाव मांगा। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार की आगामी कैबिनेट मीटिंग रीवा के इस धरोहर की बलि देने के लिए तैयारी की जा रही है। रीवा राज्य ने १६९ वर्ष पहले प्रिंटिंग प्रेस की शुरुआत कराई थी। इसके बाद विंध्य प्रदेश और फिर मध्यप्रदेश की सरकार के अधीन इसका कामकाज संचालित होता रहा। अब इसे बंद करने की तैयारी में सरकार है जिसके चलते विरोध शुरू किया जा रहा है। पूर्व में शहर के जयस्तंभ चौक के पास इसका कार्यालय था, जिसे एक बिल्डर को सौंप दिया गया है और प्रेस का कार्यालय जलसंसाधन विभाग के बजरंग नगर के पास स्थित भवन में अस्थाई रूप से रखा गया है। बताया गया है कि यह भवन भी बिल्डर के हवाले कर दिया गया है, कभी भी यहां से खाली कराया जा सकता है। इसके बाद प्रेस कहां लगेगा इस पर असमंजस है। कविता पांडेय का आरोप है कि पहले कार्यालय की भूमि बेची गई और जहां अस्थाई रूप से चल रहा है उसे भी बेचा जा रहा है। जिसके चलते आगे कोई परेशानी नहीं आए इस कारण सरकार इसे बंद करने की साजिश रच रही है। आरोप लगाया कि इसके पहले शहर की अन्य विरासत को बिल्डर्स के लिए बेचा गया है।