इसके पहले महालेखाकार कार्यालय की ओर से लगातार पत्र जारी होते रहे हैं लेकिन विभाग की ओर से कोई पहल नहीं की गई। जिसकी वजह से कॉलेजों में भी स्थानीय स्तर पर उदासीन रवैया अपनाया गया। सभी कॉलेजों से ऑडिटआपत्तियों पर जानकारी के लिए सत्यापित प्रति मंगाने के लिए कहा गया है। रीवा में २८ से ३० नवंबर तक टीम रहेगी, जो सभी कॉलेजों के दस्तावेजों का परीक्षण करेगी।
रीवा आने वाली टीम में उप संचालक वित्त वाहिद अली, अधीक्षक पीएस शिकरवार एवं प्रदीप बक्षी आदि को शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि टीआरएस कॉलेज, माडल साइंस कॉलेज, गल्र्स कॉलेज सहित अन्य में बड़ी संख्या में ऑडिट आपत्तियां हैं। जिसमें तत्कालीन अधिकारियों पर अनियमितता के आरोप अधिक संख्या में हैं। उन अधिकारियों पर किसी तरह की आंच नहीं आए, इसके लिए ऑडिट आपत्तियों को ही नजरंदाज किया जा रहा है। अब शिविर लगाकर इन आपत्तियों का निराकरण किया जाएगा।
अधिकारी-कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन
उच्च शिक्षा के अतिरिक्त संचालक कार्यालय में नियमित अतिरिक्त संचालक की पदस्थापना नहीं होने का असर वेतन व्यवस्था पर पड़ रहा है। कुछ महीने पहले ही अतिरिक्त संचालक सेवानिवृत्त हुए हैं, जिसकी वजह से माडल साइंस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. पंकज श्रीवास्वत को प्रभार दिया गया है। अब तक उन्हें वित्तीय अधिकार नहीं दिए गए हैं, जिसकी वजह से कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है। कुछ दिन बाद ही दीवाली का त्योहार भी है। जिससे कर्मचारियों को परेशानी हो सकती है।