बताया जा रहा है कान्नपिंडी बिलासपुर से अप्रैल 2018 को बब्बर शेर का जोड़ा मुकुंदपुर के टाइगर सफारी में लाया गया गया है। तब जैस्मिन सिर्फ दो साल की थी। तीसरे साल इस मादा ने इन सावकों को जन्म दिया है। जन्म देने के बाद प्रबंधन द्वारा नियमित मानीटंरिग की जा रही है। जानकारी दी गई है कि डॉ. राजेश तोमर के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम शेरनी की चौबीस घंटे निगरानी कर रही है। प्रबंधन ने उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दी है।
नव शावक दस दिन बाद अपनी आंखें खोलेंगे। टाइगर सफारी प्रबंधक ने बताया कि अभी शावक काफी छोटे हंै। लेकिन आगमी दस दिनों के अंदर उनके आंखे खोलने की उम्मीद है। इसके बाद वे इस दुनियां को देख सकेंगे। बताया कि शेरनी जैस्मिन उनका काफी ख्याल रखती है।