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Mid-day meal arrangements : कश्मिरी मिर्च डाल कर नौनिहालों की थाली में मध्याह्न भोजन दे रहा सेंट्रल किचेन संचालक

locationरीवाPublished: Jul 14, 2018 12:39:33 pm

Submitted by:

Rajesh Patel

शहर में जुलाई के पहले पखवाड़े में ही अव्यवस्था की भेंट चढ़ी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में मध्याह्न भोजन की व्यवस्था, भूखे पेट पढ़ने को मजबूर नौनिहाल

Central kitchen operators giving food to Monsanto by putting Kashmiri

Central kitchen operators giving food to Monsanto by putting Kashmiri

रीवा. जिले में जुलाई के पहले पखवाड़े में ही मध्याह्न भोजन की व्यवस्था लापरवाही की भेंट चढ़ गई। शहर के ज्यादातर मध्यमिक एवं प्राथमिक विद्यालयों के बच्चे भूखे पेट पढऩे को मजबूर हैं। सेंट्रल किचने संचालक की अनदेखी के चलते मध्याह्न भोजन निर्धारित समय से डेढ़ घंटे लेट से पहुंच रहा है। शुक्रवार को शहरी क्षेत्र के दर्जनभर स्कूलों में मध्याह्न भोजन देर से पहुंचा। कई स्कूलों के शिक्षकों ने सेंट्रल किचेन से लेकर विभागीय अधिकारियों से संपर्क किया, इसके बावजूद भोजन नहीं पहुंचा। दोपहर डेढ़ बजे की छुट्टी होने के घंटेभर बाद भोजन पहुंचा तो ज्यादातर बच्चों ने खाने से अधिक भोजन फेंक दिया।
हेडमास्टर ने 1.40 बजे तक इंतजार के बाद कर दिया छुट्टी
शहर के नरेन्द्र नगर में स्थित कॉलेज चौराहे के निकट जन शिक्षा केंद्र अमहिया में शुक्रवार दोपहर घड़ी में 12.44 बजे थे। कक्षा तीन का छात्र भास्कर रावत बार-बार थाली की ओर देख रहा था। शिक्षिका ने कहा इधर-उधर क्या देख रहे हो। भास्कर बोला, मैडम सुबह घर में खाना नहीं बना था। खाना खाकर नहीं आया हूं, भूख लगी है। हेडमास्टर वसीम अख्तर ने भोजन परोसने वाली महिला से कहा, थालियां धुल लो मध्याह्न भोजन आने वाला होगा। हेडमास्टर ने 1.40 बजे तक भोजन आने का इंतजार करने के बाद बच्चों की दोपहर की छुट्टी कर दी। कुछ बच्चे घर से भोजन लाए थे। हेडमास्टर ने बताया कि 2.20 बजे भोजन लेकर आया है।
चालक को छुट्टी का बहाना बताकर कर रहा मनमानी
इस बावत हेडमास्टर से देर से भोजन आने की जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि सेंट्रल किचेनशेड फोन किया तो जवाब आया कि चालक छुट्टी पर गया है। नया चालक भोजन लेकर भेजा गया कुछ देर हो जाएगी। ये कहानी अकेले इस विद्यालय की नहीं, बल्कि ढेकहा स्थित सिरकम विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ने बताया कि अन्य दिनों की अपेक्षा आज भोजन देर डेढ़ घंटे देर से आया। जन शिक्षा केंद्र में कुल २६ बच्चे पंजीकृत हैं। करीब बीस बच्चे आए हुए थे। हेडमास्टर सहित पांच शिक्षकाएं मौजूद रहीं।
देर से पहुंचने पर महकने लगता है भोजन
सेंट्रल किचेने के संचालक की अनदेखी के चलते हजारों बच्चे भूखे पेट पढऩे को मजबूर हैं। कई बच्चों ने बताया कि भोजन देर से आने पर बाद में भोजन अच्छा नहीं लगता खराब हो जाता है। इसलिए फेंक देते हैं। कुछ शिक्षकों ने बताया कि सुबह का बना भोजन साढ़े ग्यारह बजे सप्लाई शुरू हो जाती है। डिब्बे में पैक रहने से डेढ़ बजे तक महकने लगता है। शुक्रवार को कई विद्यालयों में भोजन देर से पहुंचा। ज्यादातर बच्चों ने भोजन छोड़ दिया। कुछ बच्चे एक बाल्टी में भरकर पशुओं को दे दिया।
गुणवत्ताविहीन भोजन परोस रहा सेंट्रल किचेन
शहर के 174 से अधिक विद्यालयों में सेंट्रल किचेन के माध्यम से भोजन की सप्लाई का जिम्मा निर्मला ज्योति महिला मंडल को दिया गया है। जिनके द्वारा बच्चों को भोजन परोसा जाता है। जिसमें माध्यमिक एवं प्राथमिक शालाओं के साथ मदरसे शामिल हैं। ज्यादातर विद्यालयों में भोजन की सप्लाई निर्धारित समय पर नहीं की जा रही है। कभी पहले भेज दिया जा रहा है तो कभी घंटेभर लेट से सप्लाई किया जा रहा है। इधर, कई शिक्षकों ने बताया कि सेंट्रल किचेनशेड से गुणवत्ताहीन भोजन की सप्लाई की जा रही है। कभी कभार भोजन अच्छा रहता है। लेकिन, ज्यादातर दिन पानीदार सब्जी और दाल परोसी जा रही है। शुक्रवार को भी खिचड़ी के साथ आलू और परवर की पानीदार सब्जी दी गई थी। जिसमें एक भी टमाटर नहीं रहा। काश्मीरी मिर्चा की मात्रा अधिक होने से सब्जी पूरी तरह लाल दिख रही थी। ज्यादातर बच्चों ने सब्जी थाली में छोड़ दिया। खिचड़ी में दाल की मात्रा भी नाम मात्र की रही।
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