मुख्य सचिव ने कहा, अब भू-स्वामी भूमि का स्वयं डायवर्सन कर सकेगा। प्रीमियम एवं भू-राजस्व का निर्धारण कर स्व-निर्धारित राजस्व जमा करेगा। जिसका अनुविभागीय अधिकारी परीक्षण करेगा। भू-राजस्व की राशि अधिक होने पर वह भू-धारक को 60 दिन में वापस करेगा। भू-राजस्व अधिकतम 5 वर्ष के लिए एक साथ देय होगी। अब ग्राम की आबादी का ब्लाक एवं सेक्टर का अलग-अलग नक्शा बनाया जाएगा। भू-खण्ड को भी नक्शे में दर्शाया जाएगा।
भू-अर्जन की सहीं सूचना नहीं देने पर भूमि स्वामी पर 5 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया जाएगा। सीमांकन तहसीलदार द्वारा राजस्व निरीक्षण या नगर सर्वेक्षक द्वारा करवाया जा सकेगा। सचिव हरिरंजन राव ने बताया कि मार्ग आदि की बाधा न हटाने पर 10 हजार रुपए अर्थदंड का प्रावधान है।
बैंक अकाउंट, लॉकर अन्य सम्पत्तियों को कुर्क अब बकाया वसूली की जा सकेगी। 50 लाख रुपए से अधिक के बकायेदारों को सिविल जेल भेजा जाएगा। भूमि स्वामी कृषि योग्य भूमि को 5 वर्ष के लिए पट्टे पर दे सकेगा। फ्री होल्ड का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है। सरकारी भूमि पर अतिक्रमण पर 20 प्रतिशत या एक लाख रुपए तक अर्थदण्ड लगाया जा सकेगा।
इलाज के लिए 5 लाख रुपए की कैशलेस सुविधा
मुख्य सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना प्रदेश में 25 सितम्बर से प्रारंभ की जा रही है। इस स्वास्थ्य बीमा योजना का नाम निरामयम दिया गया है। इसके तहत बीमार व्यक्ति को एक वर्ष में उपचार के लिए 5 लाख रुपए तक की कैशलेस सुविधा है। रीवा एनआइसी में संभागायुक्त महेशचन्द्र चौधरी, कलेक्टर प्रीति मैथिल एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
रीवा संभाग में राजस्व के लंबित न्यायालयीन प्रकरणों को आरसीएमएस में दर्ज कराने के निर्देश मुख्य सचिव ने दिए। उन्होंने अनुभाग हुजूर में प्रकरणों को अधिक संख्या में निराकृत करने की प्रशंसा की और हनुमना तहसील में प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए। समीक्षा के दौरान अविवादित नामांतरण, बटवारा, सीमांकन की अनुभाग एवं तहसीलवार जानकारी ली।