जिले के सिरमौर जनपद के बच्चे मध्याह्न भोजन में पकाए गए भोजन का भगोना और दाल से भरे बर्तन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। अभिभावकों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन शुरू कर दिया। कुछ देर बार शहर कांग्रेस के दर्जनों कार्यकर्ता भी पहुंच गए। अभिभावकों ने अधिकारियों को भोजन दिखाते हुए कहा कि समूह द्वारा बच्चों को सड़ी दाल खिलाई जा रही है। गुणवत्ताविहीन मध्याह्न भोजन खिलाने से कई बच्चे बीमार हो गए। मना करने के बाद भी बच्चों को सड़ी दाल और घटिया चावल परोसा जा रहा है। सिरमौर के कपसा गांव के राजकुमार कोल, अच्छेलाल, बाबूलाल, संयज, रामानुज, पुनम, कलावती, लक्ष्मी, आरती आदि ने बताया कि बच्चों की सूचना पर अभिभावक स्कूल पहुंचे। भोजन देखने के बाद बच्चे सड़ी दाल और घटिया किस्म का चावल देखने पर भडक़ गए। सभी एकजुट होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे।
जिले में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में बच्चों को परोसे जा रही घटिया मध्याह्न भोजन को लेकर सोमवार को शहर के कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सहित कई प्रतिनिधि भी पहुंचे। कांग्रेस शहर अध्यक्ष गुरमीत सिंह मंगू की अगुवाई में दर्जनों कार्यकर्ता सिरमौर के कपसा के डॉडी टोला में आदिवासी बस्ती में बच्चों को परोसे गए घटिया किस्म के भोजन को लेकर कलेक्टर से मिले। कांग्रेसियों ने कहा कि जिले में घटिया किस्म का मध्याह्न भोजन परोसा जा रहा है। नेताओं ने जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
जिले में परोसे जा रहे मध्याह्न भोजन की खराब गुणवत्ता को लेकर ‘पत्रिका’ ने मुद्दा उठाया तो अभिभावक आगे आने लगे हैं, लेकिन अभी तक अफसरों की कुंभकर्णी नींद नहीं टूटी है। जिला प्रशासन की नाक के नीच संचालिक केंद्रीयकृत रसोई घर का जुलाई में निरीक्षण तक नहीं किया गया है।
जिला पंचायत कार्यालय की मनरेगा टीम सोमवार को जिला पंचायत सीइओ से मिलने पहुंची। बताया गया कि कलेक्ट्रेट में दर्जनभर बच्चे घटिया भोजन लेकर पहुंचे हैं। कलेक्टर कार्यालय से फोन जाने के बाद सीइओ ने मनरेगा टीम को तलब किया। दोपहर करीब तीन बजे मनरेगा से महिला कर्मचारी सीइओ से मिलने पहुंचीं थी। सीइओ ने समूह का जांच प्रतिवेदन मांगा है।
बारिश होने के चलते शहर में बच्चों को मध्याह्न भोजन परोस रहे केंद्रीयकृत रसोईघर की व्यवस्था बेपटरी हो गई है। समय से न तो बच्चों को भोजन दिया जा रहा है और न ही मेन्यू का पालन किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्र पर जली रोटियां दी जा रही हैं। पोषणयुक्त भोजन के नाम पर महज खालापूर्ति की जा रही है। केंद्रीकृत रसोईघर संचालक की मनमानी के चलते अभिभाककों में असंतोष है।