scriptबड़ी मुश्किल से चली सिटी बस तो आटो चालकों ने शुरू कर दी दबंगई, चुनाव का समय है मंत्री ने भी साधी चुप्पी | city bus rewa madhyapradesh | Patrika News

बड़ी मुश्किल से चली सिटी बस तो आटो चालकों ने शुरू कर दी दबंगई, चुनाव का समय है मंत्री ने भी साधी चुप्पी

locationरीवाPublished: Sep 21, 2018 12:30:05 pm

Submitted by:

Mrigendra Singh

उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ला का किया घेराव, असमंजस में निगम प्रशासन

rewa

city bus rewa madhyapradesh

रीवा। शहर में सिटी बसों के संचालन की शुरुआत धूमधाम से कराई गई। इस पर दूसरे दिन से ही विवाद उत्पन्न हो गया है। ऑटो चालकों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए सुबह से ही विरोध प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया। रेलवे स्टेशन में जैसे ही बसें पहुंची, ऑटो चालक सामने खड़े हो गए और सवारियों को बैठने से रोकने का प्रयास किया। घंटों इस पर बवाल मचा रहा, घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंचे और मामले को शांत कराया।
इसके बाद रेलवे स्टेशन के बाहर भी कई स्थानों पर ऑटो चालकों ने सड़क पर बसों को रोककर सवारी उतारने का प्रयास किया। सुबह रेलवे स्टेशन पहुंचे मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को भी ऑटो चालकों ने घेरा और सिटी बसों के संचालन पर आपत्ति दर्ज कराई। इनका कहना है कि बसों के चलने से उनका व्यवसाय बाधित होगा।
सिटी बसें बस स्टैंडों से ही सवारियों को भरने का काम करें। इसके साथ ही उन बसों के रेवले स्टेशन तक पहुंचने पर भी आपत्ति दर्ज कराई है जो सीधी, हनुमना, चाकघाट आदि के लिए सवारियां लेकर जाती हंै। मंत्री ने आश्वासन दिया है कि ऑटो चालकों का भी कारोबार प्रभावित नहीं होगा। इस पर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक भी मंत्री की और कहा कि शहर में बसों का चलना जरूरी है लेकिन ऑटो चालकों को भी समस्या नहीं आए, ऐसी व्यवस्था बनाएं।
मंत्री के घर भी पहुंचे ऑटो चालक
मंत्री राजेन्द्र शुक्ला के अमहिया स्थित आवास भी ऑटो चालक पहुंचे और वहां पर भी नारेबाजी करते हुए अपनी मांगें रखी। मंत्री ने आश्वासन दिया है कि उनका धंधा प्रभावित नहीं होगा। सिटी बसें भी शहर के लिए जरूरी हैं। इसके अलावा कुछ ऑटो चालकों ने आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की मनमानी की शिकायत की, उस पर भी आश्वासन दिया है कि परेशान कोई नहीं करेगा।
आटो चालकों को भी नाराज नहीं करना चाहते मंत्री
विधानसभा का चुनाव नजदीक है, ऐसे में मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को आटो चालकों और उनके परिवार को खुश रखना है। इसलिए वह खुलकर यह नहीं कह पाए कि आटो चालक मनमानी कर रहे हैं। जबकि सिटी बसों का रास्ता रोकने का शहर के लोगों ने खुलकर विरोध किया है और मांग उठाई है कि इन पर कार्रवाई होना चाहिए। शहर में करीब छह हजार से अधिक आटो चलते हैं, इस कारण इनके वोट का भी बड़ा वर्ग है।
ट्रांसपोर्टर ने कलेक्ट्रेट में खड़ी कर दी बसें
सुबह से शुरू हुआ विवाद दोपहर तक चलता रहा, कई जगह ऑटो चालकों ने यात्रियों के साथ और बस चालक एवं परिचालक के साथ अभद्रता की। जिसके चलते ट्रांसपोर्टर ने दोपहर सभी बसें कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ी कर दी है। कहा है कि प्रशासन जब व्यवस्थाएं मुहैया कराएगा तभी वह बसें चलाएंगे। ट्रांसपोर्टर के इस निर्णय से सिटी बसों के संचालन में समस्या उत्पन्न हो सकती है। पहले कोई ट्रांसपोर्टर इन्हीं समस्याओं की वजह से टेंडर भरने को तैयार नहीं था। शहर में बस स्टापेज एवं अन्य समस्याएं पहले से बनी हैं, उसमें जबरिया सवारियों के साथ अभद्रता का व्यवहार योजना को भी खटाई में डाल सकता है।
किराए के चलते बना है विवाद
ऑटो चालकों के विरोध की प्रमुख वजह बसों में कम किराया है। बसों में जो किराया निर्धारित किया है उसका चार गुना अधिक ऑटो चालक वसूल रहे हैं। कुछ दिन पहले इनकी ओर से मनमानी किराया वृद्धि की गई थी, जिसे आरटीओ ने भी स्वीकृति दे दी है। जनता बढ़े किराए की वजह से परेशान है।
सिटी बस चलने से लोगों में खुशी
अमृत योजना के तहत नई सिटी बसें चलने से लोगों ने प्रसन्नता जाहिर की थी। मनमानी ऑटो के किराए से परेशान लोगों को सिटी बस के रूप में एक विकल्प मिला है। लेकिन ऑटो चलाक इस पर अड़ंगा लगा रहे हैं, जिससे आम लोगों में आक्रोश है। ऑटो चालकों के हंगामे का स्थानीय लोग भी विरोध कर रहे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो