बस ऑपरेटर्स से अनुबंध की प्रक्रिया भी जल्द ही पूरी किए जाने के संकेत दिए गए हैं। वहीं शहर में सर्वे भी शुरू किया गया है, जिसमें यह देखा जा रहा है कि किस स्थान पर अधिक संख्या में सवारी निकलेंगे। पुराने बस स्टैंड से लेकर सिरमौर चौराहे तक भारी मात्रा में सवारी निकलने की संभावना है। इन्हीं स्थानों में चार बड़े कालेज, कलेक्ट्रेट, कमिश्नरी, कोर्ट, एसपी आफिस, बाजार सहित अन्य कईप्रमुख कार्यालयों के लिए लोग सिटी बसों का सफर करेंगे। इस कारण स्टापेज की संख्या में बदलाव किए जाने के संकेत दिए गए हैं।
दो तरह की बसें चलेंगी अमृत योजना के तहत चलाई जा रही बसों में अभी एक क्लस्टर का ही टेंडर हुआ है जिसमें 23 बसें चलेंगी। इस क्लस्टर में दो तरह की बसें चलेंगी, एक मिडी बस होगी जिसमें 34 सीटें होंगी और वह हरे रंग की रहेगी। वहीं स्टैंडर्ड बसों में 52 सीटों की व्यवस्था होगी और इनका रंग नीला होगा। इसमें 11 बसें शहर के भीतर चलेंगी। जिसमें न्यू बस स्टैंड से शहर का भ्रमण करते हुए पीटीएस चौराहे तक छह बसें और रेलवे स्टेशन से रतहरा तक पांच बसें चलेंगी। यह मिडी बसें होंगी जिसमें 34 यात्रियों के बैठने की जगह होगी। इसके अलावा जबलपुर और छतरपुर के लिए भी सिटी बसें सवारी लेकर जाएंगी।
इन स्थानों पर अभी बनाया गया है स्टापेज
इन स्थानों पर अभी बनाया गया है स्टापेज
सिटी बसें चलाने के लिए जिस क्लस्टर पर काम शुरू किया गया है उसका रूट पहले से ही तय किया जा चुका है। जिसमें शहर के भीतर न्यू बस स्टैंड से चलने वाली बस बजरंग नगर, सिरमौर चौक, कॉलेज चौराहा, शिल्पी प्लाजा, स्वागत भवन, कलामंदिर, हॉस्पिटल चौक, धोबियाटंकी, पीटीएस चौक आदि स्थानों पर सवारियां भरेगी। वहीं रेलवे स्टेशन से चलने वाली स्टेशन मोड़, ट्रांसपोर्ट नगर, एजी कॉलेज तिराहा, जेपी मोड़, पडऱा, ढेकहा तिराहा, इको पार्क, जयस्तंभ, पुराने बस स्टैंड के सामने, कलेक्ट्रेट, मार्तण्ड स्कूल तिराहा, कॉलेज चौक, सिरमौर चौक, बजरंग नगर, न्यू बस स्टैंड, समान, होटल लैंडमार्क, रतहरा आदि स्थानों पर स्टापेज बनाया गया है।
अतिक्रमण भी बन रहा बाधा शहर में जिन स्थानों पर पहले से स्टापेज बने हैं उसमें कई स्थान ऐसे हैं जहां अतिक्रमण कारियों ने कब्जा जमा रखा है। स्टापेज का अब तक उपयोग केवल विज्ञापनों के प्रदर्शन के लिए होता रहा है, यहां पर न तो आटो के रुकने की कोई व्यवस्था है और न ही अन्य। इस वजह से जब तक अतिक्रमण नहीं हटाया जाएगा तब तक यहां पर यात्रियों को सुविधा मिलना मुश्किल होगा।