सुजीत द्विवेदी बताते हैं कि वह स्वयं नशे के आदी थे लेकिन एक घटना ने झकझोर दिया। इसके बाद से समाज से नशामुक्ति का अभियान छेड़ दिया। इस अभियान को बल देने के लिए उन्होंने संकल्प लिया है कि जब तक समाज पूरी तरह से नशामुक्त नहीं हो जाता, तब तक वह कपड़े नहीं पहनेंगे। तन ढंकने के लिए लुंगी और तौलिए का सहारा ले रहे हैं।