रीवा. कहते हैं कि कुछ करने के लिए जज्बा और जुनून ही काफी होता है, उसके लिए बहुत सारी सुविधाओं की जरूरत नहीं होती। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है जिले के मेधावी छात्र कृष्ण कुमार ने। बोर्ड परीक्षा में 82 फीसद अंक हासिल करने वाले कृष्ण कुमार जन्म से विकलांग हैं। उनके दोनों हाथ नहीं हैं। लेकिन इससे उनके शिक्षा के प्रति लगाव में कोई कमी नहीं आई। उन्होंने पैरों को ही हाथ बना लिया। उसी से वह लिखते भी हैं। सबसे चकित करने वाली बात कि पैरों से लिखने के बाद भी उनकी राइटिंग (writing) लाजवाब है। मानों पन्ने पर मोती बिखेर दिए हों। कृष्ण कुमार की इस राइटिंग को जो देखता है वह मुरीद हो जाता है। ऐसे में भला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भला कैसे न उसकी तारीफ करते। वह भी पहले तो दंग रह गए। फिर इस विकलांग मेधावी छात्र के जज्बे को सलाम किया।
दरअसल मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन योजना के तहत बोर्ड परीक्षाओं में मेरिट में जगह बनाने वाले विद्यार्थियों को लैपटाप के लिए 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। जिले के 10 विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में राशि प्रदान की। इस दौरान उन्होंने जन्म से हाथ न होने से पैरों से लिखकर बोर्ड परीक्षा में 82 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले दिव्यांग कृष्ण कुमार केवट से सीधे संवाद करके उनका उत्साहवर्धन किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृष्ण कुमार के जज्बे को सलाम करते हुए कहा कि अपनी जिद और जुनून से कृष्ण कुमार ने इतिहास रच दिया है। आपने पैरों से लिखकर 82 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। प्रतिदिन 10 किलोमीटर की यात्रा करके गरीब परिवार का यह होनहार छात्र नियमित रूप से स्कूल जाता रहा। अपनी लगन और मेहनत से इसने जो सफलता प्राप्त की है उसे विरले ही प्राप्त कर पाते हैं। सीएम ने कहा कि अब कृष्ण कुमार की आगे की पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। उन्होंने कमिश्नर रीवा से कहा कि छात्र कृष्ण कुमार केवट के स्वास्थ्य की जांच करा लें। इनके हाथों के उपचार तथा कृत्रिम हाथ लगाने की पूरी व्यवस्था करें। इलाज में जो भी खर्च आएगा वह पूरी राशि सरकार द्वारा दी जाएगी।
इस दौरान सीएम ने प्रदेश की मेरिट सूची में कला संकाय में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली रीवा जिले की मेधा, खुशी सिंह से भी संवाद किया। मुख्यमंत्री से बात कर खुशी की प्रसन्नता का ठिकाना नहीं रहा। मुख्यमंत्री भी इस मेधावी बिटिया से बात कर खासे प्रसन्न नजर आए। उन्होंने कहा कि अभावों के बीच जीवन बिताने वाली किसान परिवार की बेटी ने अपनी प्रतिभा और दृढ़ निश्चय से जो सफलता हासिल की है वह किसी चमत्कार से कम नहीं है। ऐसा चमत्कार प्रदेश का हर विद्यार्थी कर सकता है।
सीएम ने कहा कि इस बेटी ने आईएएस अधिकारी बनने का संकल्प लिया है। उसके जिद और संकल्प से उसका सपना जरूर पूरा होगा। उन्होंने कहा कि बेटी खुशी को शिक्षा तथा कोचिंग के लिए हर संभव मदद दी जाएगी। उसकी पढ़ाई में किसी तरह की बाधा नहीं आने दी जाएगी। मुख्यमंत्री से संवाद करते हुए खुशी ने कहा कि मैं सुबह 4 बजे उठकर पढ़ाई करती थी। घर के कामों में मम्मी का हाथ बटाने के बाद मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दी गई साईकिल से 5 किलोमीटर दूर स्कूल जाती थी।