सात घंटे तक दृश्यता 0 – 5 मीटर रही। सड़कों पर 10 फीट से आगे कुछ भी दिखाई नहीं देने के कारण वाहन चलाकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हाइवे पर वाहन रेंगते नजर आए। कोहरे के असर के कारण कई ट्रेनें देरी से रीवा पहुंची। इसकी मार यात्रियों को भुगतनी पड़ी। जिला प्रशासन ने 1 जनवरी तक शासकीय स्कूलों में कक्षा 8वीं तक के छात्रों के छुट्टी कर दी है।
चार दिन से पूरा जिला शीतलहर की चपेट में है। जमा देने वाली सर्दी के बीच कोहरे का कहर लोगों की पीड़ा को और बढ़ा रहा है। दिन हो या रात कंपकंपी बंद ही नहीं हो रही। 25 दिसंबर से तापमान लगातार गिर रहा है। उस दिन 12 डिग्री दर्ज किया गया था। 26 को लुढ़ककर 8.0 डिग्री पहुंच गया। एक दिन में चार डिग्री परा लुढ़क गया। 27 दिसंबर को ठंड ने और जोर पकड़ा। अचानक पारा लुढ़कर 5.04 डिग्री पहुंच गया। इसके बाद से ठंड असहनीय हो गई। इसके बावजूद तापमान गिरता ही जा रहा है। 28 दिसंबर को 4.6 एवं 29 को 4.8 डिग्री दर्ज किया गया।
पूरे दिन छाया रहा घना कोहरा
अन्य दिनों की तरह रविवार को भी घना कोहरा छाया रहा। सुबह धूप नहीं खिली। दोपहर बाद हल्की धूप खिली। शीतलहर की वजह से ठंड में कोई कमी नहीं आई। लोग कांपते नजर आए। इसी प्रकार सड़क पर लोगों का आना – जाना कम ही रहा। सुबह तो धुंध में कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। 10 बजे तक बहुत कम लोग ही सड़क पर चल रहे थे। इसी प्रकार शाम पांच बजे के बाद सड़क पर लोगों को आनाजाना बेहद कम हो गया। शाम ढलते ही बाजार में सन्नाटा पसर गया। दुकानों के शटर समय से पहले ही गिरा दिए गए थे।
पाला पडऩे की संभावना बढ़ी
ठंड ने पाला की संभावना बढ़ा दी है। एक – दो दिन खतरा ज्यादा है। यदि किसान इन दिनों अपनी दलहन की फसल बचा लेते हैं तो अच्छा ही होगा। फसल बचाने के लिए सिंचाई एवं फसल के आसपास आग जलाने की सलाह कृषि वैज्ञानिक दे रहे हैं। शहडोल, ग्वालियर, चंबल, होशंगाबाद के साथ ही रीवा में पाला की संभावना जताई गई है।
इस तरह गिर रहा तापमान
दिन अधिकतम न्यूनतम
25 -20.2, 12.0
26 -19.2, 8.0
27 -16.02, 5.04
28 -17.8, 4.6
29 -14.8, 4.8