कलेक्टर ने नदी-जलस्रोत के पानी के उपयोग पर लगाया प्रतिबंध, जानिए, यहां लागू है धारा-188
कलेक्टर प्रीति मैथिल नायक ने जिले में पेयजल संकट को देखते हुए नदी, जलस्रोतों सहित अन्य जगहों पर पानी के दुरूपयोग किए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है

रीवा. कलेक्टर प्रीति मैथिल नायक ने जिले में पेयजल संकट को देखते हुए नदी, जलस्रोतों सहित अन्य जगहों पर पानी के दुरूपयोग किए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। कलेक्टर ने पेयजल एवं अन्य निस्तार समस्याओं को देखते हुए सम्पूर्ण जिले को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। उन्होंने आदेश में कहा है कि कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के किसी भी शासकीय भूमि पर स्थित जल स्त्रोतों का पेयजल तथा घरेलू प्रयोजनों को छोडक़र अन्य किसी प्रयोजन के लिए जल का उपयोग नही करेगा।
घरेलू उपयोग में ही ले सकेंगे पानी
कलेक्टर ने कहा कि जिले की नहरों में प्रभावित जल के अलावा अन्य स्त्रोतों का जल दोहन नहीं करेगा। कलेक्टर ने आदेश दिया है कि समस्त विकास खण्डों एवं नगरीय क्षेत्रों के समस्त नदी, नालों, स्टापडैम, सार्वजनिक कुओं एवं अन्य जल स्त्रोतों का उपयोग घरेलू उपयोग के लिए तत्काल प्रभाव से सुरक्षित किया जाता है।
अनुविभागीय अधिकारी से को देना होगा आवेदन
जिले के जल अभावग्रस्त क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति स्वयं अथवा प्राइवेट ठेकेदार अनुविभागीय अधिकारी से पूर्व अनुज्ञा प्राप्त किये बिना किसी भी प्रयोजन के लिये नवीन नलकूप का निर्माण नही करेगा। जिन व्यक्तियों को अपनी निजी भूमि पर नलकूप खनन कार्य कराना है उन्हें निर्धारित प्रारूप में निर्धारित शुल्क के साथ संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)को आवेदन करना होगा।
अनुशंसा करेंगे सहायक लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी
उन्होंने कहा कि जल अभावग्रस्त क्षेत्र के समस्त अनुविभागीय अधिकारी को उनके क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत प्राधिकृत किया जाता है। अनुविभागीय अधिकारी अनुमति देने के पूर्व आवश्यक जांच एवं परीक्षण की कार्यवाही पूर्ण कर ले तथा अनुमति देने के पूर्व संबंधित क्षेत्र के सहायक यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय से अभिमत, अनुशंसा प्राप्त करेगे।
होगी दंडात्मक कार्रवाई
जल अभावग्रस्त क्षेत्र में सार्वजनिक पेयजल स्त्रोत सूख जाने के कारण वैकल्पिक रूप से दूसरा कोई सार्वजनिक पेयजल स्त्रोत उपलब्ध नहीं होने पर जनहित में संबंधित अनुविभागीय अधिकारी उस क्षेत्र के निजी पेयजल स्त्रोत को पेयजल परीक्षण संशोधित अधिनियम 2002 के प्रावधानों के अधीन अधिग्रहण निश्चित अवधि के लिए कर सकेंगे। आदेश का उल्लघन करने वाले के विरूद्ध भारतीय दण्ड संधिता की धारा 188 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकेगी।
अब पाइए अपने शहर ( Rewa News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज