मुख्य सचिव ने कहा कि चना एवं मसूर के उपार्जन के लिए उपार्जन केन्द्र सुनिश्चित किए जाएं और समर्थन मूल्य पर चना और मसूर का उपार्जन प्रारंभ किया जाए। उन्होंने कहा कि समस्त उपार्जन केन्द्रों में एफएक्यू गुणवत्ता का ही गेहूं खरीदा जाए। किसी भी हालत में गुणवत्ताविहीन गेहूं उपार्जित न किया जाए।
इस दौरान संभागायुक्त डॉ. अशोक कुमार भार्गव, कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव, सीइओ हरि सिंह मीणा सहित अन्य मौजूद रहे। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में विद्युत का उत्पादन सरप्लस हो रहा है तथा अबाध विद्युत आपूर्ति करने के लिए विद्युत वितरण कंपनी के मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण यंत्री पूर्ण रूप से उत्तरदायी होंगे।
उन्होंने कहा कि विद्युत वितरण कंपनी के मैदानी क्षेत्र के लाइनमैन एवं जूनियर इंजीनियर मनमानी पूर्वक अनिश्चित समय पर विद्युत की ट्रिपिंग करते हैं। इससे लोगों को विद्युत कटौती का सामना करना पड़ता है। जिला प्रशासन इनसे सख्ती बरतें और आंधी, तूफान पानी आदि से होने वाली ट्रिपिंग के अलावा यदि जानबूझकर ट्रिपिंग की गई है तो संबंधित उत्तरदायी व्यक्तियों को तत्काल निलंबित किया जाये।
उन्होंने कहा कि समस्त संभाग के कमिश्नर मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी के मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण यंत्री से संवाद बनाये रखें कि अनिश्चित विद्युत ट्रिपिंग न होने पाये। इसके लिए अधीक्षण यंत्री से विद्युत आपूर्ति की रिपोर्ट भी ली जाए। उन्होंने कहा कि विद्युत के कारण किसी भी स्थान की नलजल योजनायें प्रभावित न होने पायें। ग्रीष्म ऋतु में अनिवार्य रूप से पेयजल उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये।