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किसान बोले- राजस्व प्रकरणों के आदेश की निगरानी के लिए गठित की जाए कमेटी, लागू हो चकबंदी योजना

locationरीवाPublished: Mar 01, 2019 12:16:49 pm

Submitted by:

Rajesh Patel

कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना देकर किसानों ने बुलंद की आवाज, वक्ताओं ने कहा….

Committees to be constituted for monitoring the order of revenue cases

Committees to be constituted for monitoring the order of revenue cases

रीवा. कलेक्टर कार्यालय के सामने किसानों ने हक को लेकर आवाज बुलंद की और सरकार को घेरा। प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री को संबोधित जिला प्रशासन को मांगों का 21 सूत्री ज्ञापन सौंपा है। इस दौरान वक्ताओं ने कहा राजस्व न्यायालयों में निराकरण किए जा रहे प्रकरणों के आदेशों की निगरानी के लिए कमेटी गठित की जाए। किसानों को समर्थन मूल्य पर खरीदी जा रही गाढ़ी कमाई के साथ ही 300 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस दिया जाए। किसानों ने चकबंदी योजना लागू किए जाने के साथ अन्य मांगों को पूरा किए जाने की मांग उठाई है।
किसानों की लंबित मांगों को लेकर प्रदर्शन
भारतीय किसान संघ, मध्य प्रदेश की अगुवाई में किसानों की लंबित मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना दिया गया। प्रदर्शन के बतौर मुख्यअतिथि महाकौशल प्रांत के जैविक प्रमुख हेतराम पटेल ने कहा कि किसानों के खेती की लागत लगातार बढ़ रही है। समर्थन मूल्य के अलावा किसानों को हर रकबा के आधार पर न्यूनतम २५ हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान दिया जाए।
सरकारें किसान हित में करतीं रहीं घोषणाएं
उन्होंने कहा कि सरकारें किसान हित में घोषणाएं तो करती हैं, लेकिन उस पर अमल करने में पसीना छूट रहा है। इस दौरान वक्ताओं ने किसानों की बेसिक समस्याओं पर फोकस करते हुए उपज की समर्थन मूल्य के साथ ही लागत के आधार पर ३०० रुपए बोनस दिलाए जाने की मांग उठाई है। प्रदर्शन के दौरान रमेश सिंह, भूपेन्द्रमणि अग्निहोत्री, रघुवीर शरण सिंह पटेल, धनेन्द्र प्रसाद द्विवेदी, पहलाद तिवारी, हरिशंकर पांडेय, मुद्रिका प्रसाद मिश्र, अरूणेन्द्र सिंह, अरुण कुमार पटेल, रामलाल पटेल, सीएल द्विवेदी, रामलाल पटेल, अनूप सिंह, रामसागर, दशरथ आदि ने संबोधित किया। प्रदर्शन के दौरान जिलेभर से सैकड़ो किसान पहुंचे थे।
ये रहीं प्रमुख मांगे
शासकीय सेवा से वंचित किसान परिवारों को सरकारी सेवा का अवसर दिया जाए।
बंद पड़ी नहरों को चालू कराया जाए।
कंप्यूटरीकृत खसरो में कार्यालयीन त्रुटि का पटवारी हल्का स्तर पर शिविर लगाकर दूर किया जाए।
मनरेगा के तहत किसानों की पोधरोपण, जोताई, बांध, दवाई छिडक़ाव आदि का जोड़ा जाए।
जंगली जानवरो से फसल की हो रही नुकसानी को रोका जाए।
तहसील स्तर पर नामांतरण, बंटवारा का प्रकरण शिविर लगाकर निराकृत किए जाए।
प्याज उत्पादन किसानों को 400 रुपए की प्रोत्साहन दी जाए
किसानों को हर माह दो हजार रुपए की पेंशन दी जाए
किसानों की शाख सीमा दोगुनी की जाए।

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