सरकार गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्र में 200 पंचायतों में सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए टारगेट दिया है। जिपं रेकार्ड के अनुसार गत 8 जुलाई को एस (प्रशासनिक स्वीकृति) एवं टीएस (तकनीकि स्वीकृति) दी है। जिले में पचास फीसदी पंचायतों में निर्माण कार्य शुरू कर दिए गए हैं। लेकिन, प्रशासनिक स्वीकृति जारी होने बाद आज तक अधिकतर पंचातायतों को बजट जारी नहीं किया गया। जिससे निर्माण कार्य प्रभावित हो गए हैं।
जिला पंचायत कार्यालय से जिम्मेदार अधिकारी संबंधित पंचायतों में बजट जारी नहीं कर रहे हैं। प्रत्येक कम्युनिटी टॉयलेट 3.53 लाख गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत जिले में प्रत्येक कम्युनिटी टॉयलेट निर्माण के लिए 3.53 लाख रुपए का बजट निर्धारित किया है। जिसमें स्वच्छता मिशन के द्वारा 2.10 लाख रुपए। 90 हजार रुपए पंचायत को 14वां वित्त से उपयोग करना है। इसके अलावा 53 हजार मनरेगा से श्रमिकों के लिए राशि निर्धारित की गई है। एस-टीएस जारी होने के बाद आज तक बजट जारी नहीं किया गया है।
मनमानी से जारी नहीं हो रही राशि
जिला पंचायत कार्यालय में विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमानी के चलते बीस दिन से अधिक समय बीतने के बाद भी बजट जारी नहीं किया जा सका है। ब्लाक समन्वयकों की ओर से जिला पंचायत कार्यालय के एसबीएम कार्यालय में जानकारी दी गई है। इसके बावजूद बजट जारी नहीं किया जा रहा है। मामले में मनरेगा के लेखाअधिकारी और जिला समन्वयक की मनमानी सवालों के घेरे में है।