इस पर जिला पंचायत अध्यक्ष अभय मिश्रा ने चुटकी ली, कहा कि एक घर नहीं, बल्कि कई गांवों के हजारों लोगों के हित से जुड़ा है ये प्रस्ताव। ऐसे में त्रिपाठी और मिश्रा के बीच बहस शुरू हो गई। ये तकरार चल ही रही थी कि सिरमौर विधायक दिव्यराज सिंह नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि क्या डीएमएफ योजना की राशि का पूरा हिस्सा सेमरिया का ही है? अन्य किसी विधानसभा का नहीं? हर बार सेमरिया में ही पूरा पैसा क्यों खर्च किया जा रहा है?
दिव्यराज सिंह ने स्पष्ट किया कि वो ऐसे प्रस्ताव से बिलकुल भी सहमत नहीं है। इसके बाद कुछ देर के लिए माहौल गर्म हो गया। फिर जिला पंचायत में खुले दीदी कैफे को लेकर जनप्रतिनिधियों ने नाराजगी जता दी। दीदी कैफ़े को 24 लाख दिए जाने पर जनप्रतिनिधियों का कहना था कि जब कैफ़े चल रहा है, अपनी सेवाएं दे रहा है तो फिर 24 लाख रूपए कैफ़े को किस लिए दिए जा रहें हैं?
आरोप प्रत्यारोप के बीच जिला पंचायत अध्यक्ष अभय मिश्रा ने रतहरा से चोरहटा तक निर्माणाधीन मॉडल सड़क का मुद्दा भी उठाया। कहा कि साढ़े 11 करोड़ रूपए प्रति किलोमीटर की लागत से रतहरा से चोरहटा के बीच प्रदेश की सबसे मंहगी सड़क बन रही है। चार साल हो गए उसे बनते हुए, कब तक बनेगी? इस पर लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री ने बताया गया कि निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, मार्च 2022 तक काम पूरा हो जाएगा।