एजीपी राजेश मिश्रा ने बताया कि घटना 24 दिसंबर 2011 को शाम 4 बजे की है। जसो थानांतर्गत ग्राम बहेरवा में रास्ते का निर्माण कार्य चल रहा था। तभी जमीन की सीमा को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। नवकिशोर ने अपने भाई और बेटे के साथ मिलकर जय नारायण की लात-घूंसों से मारपीट कर दी।
लक्ष्मी नारायण के सिर पर कुल्हाड़ी मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नागौद में दाखिल कराया गया। वहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। चिकित्सकों ने मेडिकल कॉलेज जबलपुर रेफर कर दिया। पुलिस ने धारा 294, 324, 506 भाग दो के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू की।
जांच पूरी होने के बाद जेएमएफसी कोर्ट नागौद में चालान पेश किया गया। जेएमएफसी कोर्ट ने भादवि की धारा 326/34 के तहत अपराध का संज्ञान लिया और प्रकरण को जिला एवं सत्र न्यायाधीश सतना को विचारण के लिए भेज दिया। यह मामला अंतरण के बाद प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश नागौद की कोर्ट को प्राप्त हुआ।
9 गवाहों के कराए कथन अभियोजन की ओर से विचारण के दौरान 9 गवाहों के कथन कराए गए। न्यायालय ने तीनों अभियुक्तों नवलकिशोर शर्मा, बलराम शर्मा, रामकिशोर शर्मा तीनों निवासी ग्राम बहेरवा थाना जसो के खिलाफ विचारण के दौरान अपराध प्रमाणित होना पाया।
न्यायालय ने तीनों को धारा 323/34 के तहत एक-एक वर्ष का कारावास और एक-एक हजार रुपए जुर्माना, धारा 326/34 के तहत दस-दस वर्ष का कारावास और पच्चीस-पच्चीस हजार रुपए जुर्माना लगाया। जुर्माना की राशि में से पचास हजार रुपए घायल लक्ष्मी नारायण और बीस हजार रुपए नारायण को देने के आदेश दिए।