प्रधानमंत्री आवास योजना, अमृत योजना, मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना, स्ट्रीट लाइट के नए प्रोजेक्ट, सीवरेज प्रोजेक्ट, स्वीपिंग मशीन किराए पर लगाए जाने सहित समदडिय़ा बिल्डर्स को लाभ पहुंचाने के लिए आडिटोरियम के रखरखाव के ठेके की शर्तें उसके अनुकूल बनाई गई। जिसकी वजह से निगम को बड़ा नुकसान हुआ है। इस प्रेस कांफ्रेंस में नेता प्रतिपक्ष अजय मिश्रा बाबा के साथ पार्षद रामप्रकाश तिवारी, नजमा बेगम, अशोक पटेल, मो. अकरम, आरती बक्सरिया, धनेन्द्र सिंह बघेल, अमित चतुर्वेदी सहित अन्य मौजूद रहे।
प्रदेश में सरकार बदलने के बाद पहली बार महापौर ममता गुप्ता आक्रामक रूप से सामने आई। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि जब से रीवा नगर निगम में भाजपा का कब्जा होने के चलते परेशान किया जा रहा है। बीते दो महीने के भीतर रीवा को टारगेट में रखा गया है। जांच एवं स्थानांतरण पर ही पूरा फोकस है, जिसके चलते कामकाज पर असर पड़ रहा है। तीन नगर निगमों की सरकार ने जांच कराई, महत्वपूर्ण दस्तावेज जांच टीम अपने साथ ले गई, जिसकी वजह से दर्जनों बड़े काम रुके हुए हैं।
जिन अधिकारियों की पोस्टिंग की जा रही है, वह कांग्रेस के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। निगम आयुक्त के बारे में कहा कि उनकी पत्नी भी राजनीति से जुड़ी हैं, वह चुनाव लड़ती रही हैं। सरकार अपने करीबियों को पोस्टिंग कर रही है। इससे साबित होता है कि जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों को राजनीतिक द्वेष के चलते परेशान किया जा रहा है। एक सवाल के जवाब में महापौर ने कहा कि उनके कार्यकाल में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है, सरकार केवल लोगों को भ्रमित करने के लिए घेरने का प्रयास कर रही है।
महापौर ने कहा कि हाल ही में उन्हें और ग्वालियर के महापौर को नोटिस मिला है। जिसमें कई बिन्दु उल्लेखित किए गए हैं, उन सबका जवाब दिया जाएगा। पूर्व में छिंदवाड़ा महापौर को भी नोटिस दी गई थी, जहां से कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। यही हाल रीवा और ग्वालियर के मामले में भी होगा। जो भी कार्य हुए हैं वह शासन के नियमों के अनुसार ही हुए हैं।
पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई संबल योजना बंद करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बड़ी संख्या में लोगों को योजना के तहत लाभ मिल रहा था, कांग्रेस की सरकार बनते ही इसका पोर्टल बंद कर दिया गया, लोग परेशान हो रहे हैं। इससे साबित होता है कि सरकार किस तरह से बदले के भाव से काम कर रही है।
अपने आरोपों पर बल देते हुए महापौर ने कहा कि वह जो भी कह रही हैं, पूरी तरह से सत्य है। पूरे कार्यकाल में ऐसा कोई भी कार्य नहीं किया जिसमें अनियमितता हो। इसके लिए मैं, मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने बैठकर नार्को टेस्ट कराने को तैयार हूं। उनसे भी पूछा जाए कि वह बदले के भाव से काम कर रहे हैं अथवा नहीं।
कृष्णा राजकपूर आडिटोरियम के रखरखाव को लेकर पूर्व में कलेक्टर द्वारा संस्कृति मंत्रालय को लिखे गए पत्र के मामले में अब तक अमल नहीं होने के सवाल पर महापौर ने कहा कि यह सही है कि आडिटोरियम कला-संस्कृति के संरक्षण के लिए बनाया गया था। इसके रखरखाव की जिम्मेदारी समदडिय़ा ग्रुप को दी गई है। यदि सरकार संस्कृति विभाग को सौंपती है तो बेहतर होगा, इसके मैं भी समर्थन करूंगी, जल्द ही इसके लिए शासन को पत्र भी भेजा जाएगा। वहीं न्यू बस स्टैंड में गेट की रेलिंग तोड़कर खोले जाने के मामले में कहा कि यह कमिश्नर के स्तर का कार्य था, इसलिए उन्होंने रेलिंग हटाकर कार्य किया है। यह जनता की मांग थी।