प्रेसकांफ्रेंस में पूछे गए सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस मामले में पार्टी की नीति पहले से ही स्पष्ट है, जिसके चलते पार्टी के निर्णय पर वह भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीति ही स्पष्ट नहीं है, कुछ नेता कहते हैं दलितों और आदिवासियों को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए तो वहीं सीएम ताल ठोंक रहे हैं कि कोई माई का लाल आरक्षण नहीं हटा सकता। भाजपा ने पूंजीपतियों के साथ पहले भी काम किया और अब भी उसी दिशा में लगे हैं।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि बहस के लिए वह आगे आएं और अपने 15 वर्ष के शासनकाल की उपलब्धियां बताएं, हम दस वर्ष की बताएंगे। भाजपा की सरकार जब आई तो 24 हजार करोड़ कर्ज प्रदेश में था, अब दो लाख करोड़ रुपए हो गया है। उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर किसी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है, जिसने राजनीतिक लाभ लेने के लिए आरोप लगाए उन सबको कोर्ट में खड़ा कर दिया। सबने माफी मांगी और लिखकर दिया है कि दिग्विजय सिंह इमानदार शासक रहे हैं। सीएम पर कहा कि सार्वजनिक तौर पर हर जगह व्यापमं, अवैध खनन, पोषण आहार सप्लाई, ई-टेंडरिंग सहित अन्य कई घोटालों का आरोप लगा रहा हूं लेकिन जवाब देने की हिम्मत सरकार पर नहीं है। सिंह ने नोटबंदी पर अमित शाह पर आरोप लगाते हुए कहा कि कालाधन सफेद कराने का काम किया है।
तेंदूपत्ता संग्राहकों को जूता, चप्पल, पानी की बॉटल, साड़ी आदि के वितरण में पूर्व सीएम ने कहा कि 60 रुपए के जूते 193 रुपए में, 55 की वॉटर 105 और 100 रुपए की साड़ी 350 रुपए में खरीदी गई। जूते, चप्पलों से लोगों के पैर खराब हो रहे हैं। इसमें 64 करोड़ का घोटाला किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कई वरिष्ठ कांग्रेसियों के साथ एकता यात्रा लेकर रीवा पहुंचे। पूरे दिन के कार्यक्रम में वह कार्यकर्ताओं एवं अन्य कई सामाजिक संगठनों से मिले। शहर के कुठुलिया मोहल्ले में आयोजित संगत में पंगत कार्यक्रम के तहत कार्यकर्ताओं के साथ जमीन पर बैठकर भोजन किया। जहां पर महिला कार्यकर्ताओं ने विंध्य की परंपरा के अनुसार बघेली लोकगीत ‘गारीÓ भी गाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी से जुड़े लोग आपस में ही इतने विरोधी हो गए हैं कि एक-दूसरे से बात तक नहीं करते। इसी वजह से पार्टी ने समन्वय समिति का गठन किया है और हम एकता यात्रा लेकर प्रदेश में निकले हैं। रीवा में भी इतनी संख्या में कांग्रेसी हैं कि यदि वह एक हो जाएं तो कोई भी चुनाव पार्टी नहीं हार सकती।
सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केन्द्र और राज्य सरकार की उन नीतियों पर फोकस करने के लिए कहा जिसमें घेरा जा सके। नोटबंदी के साथ ही प्रदेश के व्यापमं, तेंदूपत्ता संग्राहकों को वितरण सामग्री, इ-टेंडरिंग सहित अन्य मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाने की बात कही। रीवा शहर में नगर निगम कार्यालय परिसर में मवेशियों को दफनाए जाने के मामले में कहा कि कांग्रेस नेताओं के चलते सांप्रदायिक उन्माद नहीं फैला। पार्षदों को इसके लिए धन्यवाद भी दिया और कहा कि वह अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाते रहें, पूरे कार्यकर्ता उनके साथ रहेंगे। भाजपा के पूर्व किसान मोर्चा अध्यक्ष प्रणवीर सिंह सहित कई अन्य ने कांग्रेस की ज्वाइन की है। बताया गया है कि भाजपा के अन्य कई नेताओं ने भी मुलाकात की है।
पंगत में संगत कार्यक्रम के तहत कांग्रेस समन्वय समिति के नेताओं के साथ जिले भर से आए पार्टी के नेता और कार्यकर्ता एक साथ भोजन के लिए बैठे। पार्टी के भीतर पहली बार ऐसा माहौल बनाने का प्रयास किया गया कि छोटा-बड़ा हर कार्यकर्ता समान है। इस पंगत में हर धर्म, समुदाय और क्षेत्र के लोग एक साथ बैठे थे।
समन्वय समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह, सत्यव्रत चतुर्वेदी, रामेश्वर नीखरा, राजमणि पटेल, मुजीब कुरैशी, महेश जोशी सहित अन्य सदस्यों ने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से वनटूवन चर्चा की। करीब तीन घंटे से अधिक समय तक जिले भर से आए कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा की। जिसमें जिले के हालात और लोकप्रिय नेताओं के बारे में भी पूछा। राजनिवास में आयोजित इस कार्यक्रम में विधायक सुंदरलाल तिवारी, सुखेन्द्र सिंह बन्ना, त्रियुगीनारायण शुक्ला, गुरमीत सिंह मंगू, राजेन्द्र मिश्रा, उदयप्रकाश, अभय मिश्रा, मुजीब खान, कविता पाण्डेय, गिरीश सिंह, रमाशंकर पटेल, बिन्द्रा प्रसाद, विमलेन्द्र तिवारी, राजेन्द्र शर्मा, जयंत खन्ना, अजय मिश्रा, विवेक तिवारी, विनोद शर्मा, संदीप पटेल, लखनलाल खंडेलवाल, नृपेन्द्र सिंह, सुबोध पाण्डेय, चक्रधर सिंह, लल्लन खान, मुस्तहाक खान, कुंवर सिंह, केपी सिंह, अशफाक अहमद, धनेन्द्र सिंह, मनोज अग्रवाल, अंजनी द्विवेदी सहित अन्य मौजूद रहे।
समन्वय समिति के सदस्यों ने दिवंगत श्रीनिवास तिवारी के घर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की और सांत्वना जाहिर की। इसके अलावा पूर्व विधायक शिवमोहन सिंह के आवास पर भी पहुंचे, जहां कई पुराने नेताओं से मुलाकात की। मंत्री राजेन्द्र शुक्ला के घर भी पहुंचे, जहां उनके बड़े भाई विनोद शुक्ला से मिलकर उनकी चाची के निधन पर शोक संवेदना जाहिर की। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान विनोद ने कांग्रेस ज्वाइन किया था और टिकट नहीं मिली तो मऊगंज से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इसके बाद भाजपा में शामिल हो गए।
—