विंध्य के दो बड़े राजनीतिक घरानों के नेता अजय सिंह और सुंदरलाल तिवारी चुनाव हारने के बाद संगठन में उपेक्षित माने जा रहे थे। हाल ही में वरिष्ठ नेता सुंदरलाल के निधन से कार्यकर्ता सदमे में है, उनके बीच चर्चा है कि दिल्ली और भोपाल से कुछ नेताओं के फोन आए थे, तब से तिवारी आहत थे। अब उनके नहीं रहने की स्थिति में कार्यकर्ता भी क्षेत्र में पार्टी के कमजोर होने पर अपने ही दल के बड़े नेताओं पर सवाल उठा रहे हैं। संभागीय पर्यवेक्षक यह रिपोर्ट तैयार करेंगे कि अपनों की साजिश का शिकार पार्टी हुई या फिर जनता ने खुद दूरी बना ली है। खासतौर पर रीवा जैसे बड़े जिले में भाजपा को सभी आठ सीटों पर बड़ी जीत मिली है। इस कारण संगठन को फिर से पहले जैसा मजबूत बनाने की तैयारी की जा रही है।
पर्यवेक्षक से भी सवाल पूछेंगे कार्यकर्ता
पार्टी के पर्यवेक्षक सन्नी मलिक का इसी सप्ताह रीवा दौरा प्रस्तावित है, इसलिए कार्यकर्ता उनसे विंध्य क्षेत्र को संगठन द्वारा उपेक्षित किए जाने पर सवाल पूछने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि सूत्र बताते हैं कि वे कुछ दिन पहले भी क्षेत्र में पार्टी के कमजोर होने का कारण जानने आए थे बैठक नहीं हो सकी। इस बार भी पार्टी के बड़े नेता के निधन के चलते राजनीतिक चर्चाएं नहीं होंगी लेकिन कई कार्यकर्ताओं ने कहा है कि वह अपने मन की बात उनके सामने जरूर रखेंगे।