शहर के प्रकाश चौराहे के निकट फल, सब्जी मंडी को शहर से बाहर शिफ्ट करने के लिए पांच साल से जिला प्रशासन की कवायद अभी अधूरी है। शहर में यातायात के दबाव को कम करने के लिए जिला प्रशासन ने फल सब्जी मंड़ी को शिफ्ट करने के लिए कृषि उपज मंडी परिसर करहिया में १२ एकड़ जमीन आरक्षित कर दिया है। कई बार आंदोलन के बाद जैसे-जैसे स्ववित्तीय योजना के अंतर्गत करीब 18 करोड़ रुपए की लागत से फल सब्जी मंडी का निर्माण कराया जा रहा है। तीन साल बीतने के बाद भी निर्माण पूरा नहीं कराया जा सका है।
निर्माण करा रही कस्ट्रक्शन कंपनी की शिथिलता के चलते अभी तक पचास फीसदी भी निर्माण पूरा नहीं हो सका है। मंडी बोर्ड के अधिकारियों का दावा है कि 60 फीसदी निर्माण पूरा हो चुका है। कर्मचारियों ने बताया कि देवी कस्ट्रक्शन कंपनी मंडी का निर्माण करा रही है। समय से निर्माण पूरा नहीं होने से फल सब्जी मंडी को तीन साल बाद भी शिफ्ट नहीं किया जा सका।
करहिया कृषि मंडी परिसर में निर्माणाधीन सब्जी मंडी में छह अलग-अलग ब्लाकों का निर्माण कराया जा रहा है। ३४३ की संख्या में नीलामी दुकानों का निर्माण कराया जा रहा है। सबसे ज्यादा दुकानें डी और एफ ब्लाक में हैं। डी-ब्लाक में १३९ और एफ ब्लाक में 143 दुकानों का निर्माण किया जा रहा है।
स्ववित्तीय योजना अंतर्गत निर्मांणाधीन फल सब्जी मंडी का निर्माण बजट के अभाव में पूरा नहीं हो पा रहा है। स्ववित्तीय योजना के तहत अभी तक मात्र पचास फीसदी ही राशि जमा हो सकी है। जबकि शेष राशि जमा करने के लिए कई बार पत्र भेजा जा चुका है। बजट के अभाव में भी निर्माण की प्रगति कछुआ चाल चल रही है।
मैं मंडी बोर्ड का प्रभारी सचिव हूं, वैसे फल सब्जी मंडी का निर्माण करीब साठ फीसदी पूरा हो चुका है। शेष निर्माणाधीन है।
स्वामीदीन वर्मा, प्रभारी मंडी बोर्ड सचिव