मध्य प्रदेश संविदा अधिकारी व कर्मचारी संघ के आह्वान पर संविदा स्वराज आंदोलन श्ुारू कर दिया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सहित विभिन्न शासकीय कार्याल में पदस्थ कर्मचारियों ने नियमतीकरण की मांग को लेकर अलग-अलग तिथियों में प्रदर्शन शुरू कर दिया है। बुधवार को भी प्रतिनिधियों से लेकर अफसरों को ज्ञापन देकर सरकार से वचन पत्र के तहत नियमतीकरण की मांग उठाई है। संविदा कर्मचारी जिला मुख्यालय से ग्रामीण स्तर पर प्रदर्शन के बाद २१ अक्टूबर को भोपाल में आवाज बुलंद करेंगे। जिला मुख्यालय पर डॉ. संजय सिंह और सौरभ ङ्क्षसह की अगुवाई में संविदा कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से अपर कलेक्टर और प्रतिनिधियों को ज्ञापन दिया है। इसी तरह ग्राम रोजगार सेवकों ने भी काम ठप कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। रायपुर कर्चुलियान में ग्राम रोजगार संघ के अध्यक्ष अतीन्द्र सिंह की अगुवाई में सीइओ को ज्ञापन सौंपा गया है। इसी तरह जनपदस्तर भी संविदा कर्मचारियों ने अपने मांगों का ज्ञापन सौंपा है। संविदा कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित हो जाएगा। अलग-अलग जगहों पर सैकड़ो की संख्या में पदाधिकारी मौजूद रहे।
ये हैं प्रमुख मांगें
किसान कर्जमाफी की तरह सभी संविदा अधिकारी-कर्मचारी का नियमतीकरण किया जाए। जबतक नियमतीकरण नहीं किया जाता तब तक शासन के पूर्व आदेश के अनुसार सभी कर्मचारियों का ९० फीसदी वेतन जारी किया जाए। सभी विभागों से निष्कासित किए गए संविदा अधिकारी-कर्मचारियों की बहाली का आदेश किया जाए।
किसान कर्जमाफी की तरह सभी संविदा अधिकारी-कर्मचारी का नियमतीकरण किया जाए। जबतक नियमतीकरण नहीं किया जाता तब तक शासन के पूर्व आदेश के अनुसार सभी कर्मचारियों का ९० फीसदी वेतन जारी किया जाए। सभी विभागों से निष्कासित किए गए संविदा अधिकारी-कर्मचारियों की बहाली का आदेश किया जाए।