उन्होंने कहा कि हर युवा में स्वाभिमान होना चाहिए कि उनका योगदान देश की तरक्की के लिए होगा। पूर्वजों ने जो विरासत हमें सौंपी है, उस पर गर्व होना चाहिए। भारत को जाहिलों, सपेरों और गुलामों का देश कहा जाता रहा है, इस कलंक को मिटाने का वक्त है, देश तरक्की की ओर बढ़ रहा है इसमें हर युवा अपना योगदान दें।
राज्यपाल ने उन लोगों पर भी निशाना साधा जो भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस राम का आदर्श कण-कण में है उनके होने का फैसला अदालत को करना पड़ता है, यह दुर्भाग्य है।
राज्यपाल ने उन लोगों पर भी निशाना साधा जो भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस राम का आदर्श कण-कण में है उनके होने का फैसला अदालत को करना पड़ता है, यह दुर्भाग्य है।
संविधान को सेक्युलर बताए जाने के मुद्दे पर बिना किसी का नाम लिए राज्यपाल टंडन ने कहा कि संविधान की मूल कापी में उसके हर पन्ने के बार्डर पर हमारे अध्यात्म और सांस्कृतिक जीवन का चित्रण है। एक कहानी सुनाते हुए कहा कि जब इसकी जानकारी हुई तो हमने न्यायाधीश को बताया तो उन्होंने कहा कि इस पर हमारा ध्यान हीं नहीं गया था। इसलिए संविधान को पहले ठीक से जान लेना चाहिए इसके बाद ही टिप्पणी करना चाहिए। संविधान के अंदर जो भी है वह अमान्य नहीं है, इसमें जो भी है वही इतिहास है, वही आदेश है जिसे हर किसी को मानना होगा। इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने भी दीक्षांत समारोह में पुरस्कृत छात्रों से कहा कि यह दीक्षा का अंत नहीं है, इसे जीवन की नई शुरुआत मानें। उच्च शिक्षा में होने जा रहे कई नवाचार और बदलाव की जानकारी देते हुए कहा कि स्मार्ट कालेज और स्मार्ट क्लास बनाएंगे ताकि मध्यप्रदेश देश का माडल कहा जाए।
– सुश्रुत हैं फादर आफ सर्जरी
राज्यपाल ने बढ़ती तकनीकी पर बोलते हुए कहा कि हम यह नहीं कह सकते कि सब अभी हो रहा है। चिकित्सा के क्षेत्र में प्लास्टिक सर्जरी को सबसे कठिन माना जाता है लेकिन हजारों साल पहले भी यह होता था। सुश्रुत ने इसकी शुरुआत की थी, जिसके चलते उन्हें फादर आफ सर्जरी कहा जाता है। यह भी कहा कि आइंसटीन को आणविक शक्तियों का दाता कहा जाता है लेकिन भारत ऐसा देश रहा है जहां शदियों पहले यह शक्तियां मौजूद थी। विज्ञान और अध्यात्म को अलग-अलग नहीं किया जा सकता। अध्यात्म के बिना विज्ञान ही अधूरा है।