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अस्पताल में डॉक्टर और नर्स के बीच हुआ विवाद, नर्सों ने दी हड़ताल की चेतावनी, जानिए मरीजों पर क्या होगा प्रभाव

locationरीवाPublished: Jan 24, 2019 12:36:35 pm

Submitted by:

Mrigendra Singh

– नर्सों ने अधीक्षक से शिकायत कर कहा तीन दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो बंद कर देंगी काम- संजयगांधी अस्पताल में हुआ विवाद, पहले भी हो चुके हैं विवाद

Controversy between junior doctor and nurse in sgmh rewa

Controversy between junior doctor and nurse in sgmh rewa

रीवा। संजयगांधी अस्पताल के जूनियर डॉक्टर्स की मरीजों और उनके परिजनों के साथ अभद्रता की घटनाएं तो आम हो चुकी हैं लेकिन अब अस्पताल की नर्सों के साथ अभद्र टिप्पणी भी शुरू कर दी है। बच्चा वार्ड में तैनात जूनियर डॉक्टर कासिफ के विरुद्ध नर्सों ने मोर्चा खोल दिया है।
कहा है कि तत्काल कड़ी कार्रवाई करें अन्यथा वार्ड में काम करना मुश्किल हो जाएगा। अस्पताल के अधीक्षक ने आश्वासन दिया है कि जांच कराएंगे और उसके बाद जो भी तथ्य आएंगे उनके आधार पर कार्रवाई करेंगे। नर्सों की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि एसएनसीयू वार्ड में पदस्थ जूनियर डाक्टर कासिफ ने वार्ड में तैनात नर्स मोनिका और दीपा को एक साथ ही कई कार्य सौंप दिए और कहा कि सभी जल्द ही करो।
नर्सों ने कहा कि यह अनुरोध करने पर की एक-एक कर सभी कार्य होंगे, जूडा आवेश में आ गया। अभद्र भाषा का उपयोग करते हुए कहा कि तू औरत कहलाने के लायक ही नहीं है, मेरे अंडर में काम करती है, नौकर की तरह बातें सुन। इसके साथ ही गालियां भी बकी और मारने का भी प्रयास किया। साथ ही कहा कि अस्पताल के बाहर निकलने पर बताऊंगा। घटना के बाद से वार्ड में सनाका खिंच गया, इसकी सूचना मौखिक रूप से अस्पताल के अधिकारियों को दी गई। नर्सों ने इसके बाद बैठक कर सामूहिक रूप से शिकायत करने की योजना तैयार की और अधीक्षक के पास पहुंची। उन्हें ज्ञापन सौंपकर कहा है कि तीन दिन के भीतर कार्रवाई करिए अन्यथा उग्र आंदोलन करेंगे।
चार घंटे तक काम से अलग रहीं नर्से
अस्पताल में विवाद होने के बाद शिकायत करने के लिए सभी नर्सें एक जुट हुईं और सुबह आठ बजे से करीब १२ बजे तक काम बाधित रहा। वार्डों की अधिकांश नर्सें शिकायत के लिए पहुंची थी। अधीक्षक की समझाइश के बाद कार्य प्रारंभ किया है लेकिन सायं भी कहा है कि यदि आरोपी जूनियर डाक्टर पर कार्रवाई नहीं हुई तो एनएनसीयू वार्ड में कोई भी नर्स सेवाएं नहीं देंगी।
जांच के लिए टीम गठित
शिकायत मिलने के बाद अधीक्षक डॉ. एपीएस गहरवार ने नर्सों के साथ ही जूनियर डाक्टर्स को भी समझाया है। साथ ही कहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी। इसके लिए डॉ. रचना गुप्ता, डॉ. एससीएल चंद्रवंशी एवं उर्मिला सम्मतदार की टीम गठित कर कहा गया है कि सप्ताह भर के भीतर घटना की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
व्यवहार परिवर्तन का प्रशिक्षण नहीं दे पाया प्रबंधन
रीवा सहित प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में जूनियर डाक्टर्स के व्यवहार को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। आए दिन मरीजों या फिर उनके परिजनों के साथ इनका विवाद होता और स्वयं की गलती को छिपाने के लिए हड़ताल पर चल जाते हैं। इससे मरीजों को परेशानी होने की वजह से प्रबंधन को भी झुकना पड़ता है। रीवा में कई बार ऐसी घटनाएं हुई हैं जब जूडा ने मरीजों के परिजनों के साथ मारपीट की है। बीते साल ही चिकित्सा शिक्षा विभाग के एसीएस ने सभी मेडिकल कालेजों के प्रबंधन को निर्देशित किया था कि डाक्टरी की पढ़ाई कर रहे छात्रों को नैतिकता एवं व्यवहार परिवर्तन की भी शिक्षा दी जाए। उन्हें बताया जाए कि आचरण की वजह से ही समाज में सम्मान बढ़ता है। रीवा मेडिकल कालेज अन्य निर्देशों की तरह इसे भी भूल गया। अब आपस में ही विवाद शुरू हो गया है। नर्सों ने जिस तरह से नाराजगी जाहिर की है उससे माना जा रहा है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वह हड़ताल पर जाएंगी और इसका खामियाजा आम मरीजों को भोगना पड़ेगा।

नर्सों की ओर से शिकायत की गई है, इसलिए मामले की जांच कराएं और जो भी तथ्य आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई होगी। दोनों पक्षों को समझाइश दी गई है कि एक-दूसरे के प्रति व्यवहार ठीक रखें।
डॉ. एपीएस गहरवार, अधीक्षक जीएमएच

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