चार घंटे तक काम से अलग रहीं नर्से
अस्पताल में विवाद होने के बाद शिकायत करने के लिए सभी नर्सें एक जुट हुईं और सुबह आठ बजे से करीब १२ बजे तक काम बाधित रहा। वार्डों की अधिकांश नर्सें शिकायत के लिए पहुंची थी। अधीक्षक की समझाइश के बाद कार्य प्रारंभ किया है लेकिन सायं भी कहा है कि यदि आरोपी जूनियर डाक्टर पर कार्रवाई नहीं हुई तो एनएनसीयू वार्ड में कोई भी नर्स सेवाएं नहीं देंगी।
अस्पताल में विवाद होने के बाद शिकायत करने के लिए सभी नर्सें एक जुट हुईं और सुबह आठ बजे से करीब १२ बजे तक काम बाधित रहा। वार्डों की अधिकांश नर्सें शिकायत के लिए पहुंची थी। अधीक्षक की समझाइश के बाद कार्य प्रारंभ किया है लेकिन सायं भी कहा है कि यदि आरोपी जूनियर डाक्टर पर कार्रवाई नहीं हुई तो एनएनसीयू वार्ड में कोई भी नर्स सेवाएं नहीं देंगी।
जांच के लिए टीम गठित
शिकायत मिलने के बाद अधीक्षक डॉ. एपीएस गहरवार ने नर्सों के साथ ही जूनियर डाक्टर्स को भी समझाया है। साथ ही कहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी। इसके लिए डॉ. रचना गुप्ता, डॉ. एससीएल चंद्रवंशी एवं उर्मिला सम्मतदार की टीम गठित कर कहा गया है कि सप्ताह भर के भीतर घटना की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
शिकायत मिलने के बाद अधीक्षक डॉ. एपीएस गहरवार ने नर्सों के साथ ही जूनियर डाक्टर्स को भी समझाया है। साथ ही कहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी। इसके लिए डॉ. रचना गुप्ता, डॉ. एससीएल चंद्रवंशी एवं उर्मिला सम्मतदार की टीम गठित कर कहा गया है कि सप्ताह भर के भीतर घटना की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
व्यवहार परिवर्तन का प्रशिक्षण नहीं दे पाया प्रबंधन
रीवा सहित प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में जूनियर डाक्टर्स के व्यवहार को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। आए दिन मरीजों या फिर उनके परिजनों के साथ इनका विवाद होता और स्वयं की गलती को छिपाने के लिए हड़ताल पर चल जाते हैं। इससे मरीजों को परेशानी होने की वजह से प्रबंधन को भी झुकना पड़ता है। रीवा में कई बार ऐसी घटनाएं हुई हैं जब जूडा ने मरीजों के परिजनों के साथ मारपीट की है। बीते साल ही चिकित्सा शिक्षा विभाग के एसीएस ने सभी मेडिकल कालेजों के प्रबंधन को निर्देशित किया था कि डाक्टरी की पढ़ाई कर रहे छात्रों को नैतिकता एवं व्यवहार परिवर्तन की भी शिक्षा दी जाए। उन्हें बताया जाए कि आचरण की वजह से ही समाज में सम्मान बढ़ता है। रीवा मेडिकल कालेज अन्य निर्देशों की तरह इसे भी भूल गया। अब आपस में ही विवाद शुरू हो गया है। नर्सों ने जिस तरह से नाराजगी जाहिर की है उससे माना जा रहा है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वह हड़ताल पर जाएंगी और इसका खामियाजा आम मरीजों को भोगना पड़ेगा।
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नर्सों की ओर से शिकायत की गई है, इसलिए मामले की जांच कराएं और जो भी तथ्य आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई होगी। दोनों पक्षों को समझाइश दी गई है कि एक-दूसरे के प्रति व्यवहार ठीक रखें।
डॉ. एपीएस गहरवार, अधीक्षक जीएमएच
रीवा सहित प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में जूनियर डाक्टर्स के व्यवहार को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। आए दिन मरीजों या फिर उनके परिजनों के साथ इनका विवाद होता और स्वयं की गलती को छिपाने के लिए हड़ताल पर चल जाते हैं। इससे मरीजों को परेशानी होने की वजह से प्रबंधन को भी झुकना पड़ता है। रीवा में कई बार ऐसी घटनाएं हुई हैं जब जूडा ने मरीजों के परिजनों के साथ मारपीट की है। बीते साल ही चिकित्सा शिक्षा विभाग के एसीएस ने सभी मेडिकल कालेजों के प्रबंधन को निर्देशित किया था कि डाक्टरी की पढ़ाई कर रहे छात्रों को नैतिकता एवं व्यवहार परिवर्तन की भी शिक्षा दी जाए। उन्हें बताया जाए कि आचरण की वजह से ही समाज में सम्मान बढ़ता है। रीवा मेडिकल कालेज अन्य निर्देशों की तरह इसे भी भूल गया। अब आपस में ही विवाद शुरू हो गया है। नर्सों ने जिस तरह से नाराजगी जाहिर की है उससे माना जा रहा है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वह हड़ताल पर जाएंगी और इसका खामियाजा आम मरीजों को भोगना पड़ेगा।
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नर्सों की ओर से शिकायत की गई है, इसलिए मामले की जांच कराएं और जो भी तथ्य आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई होगी। दोनों पक्षों को समझाइश दी गई है कि एक-दूसरे के प्रति व्यवहार ठीक रखें।
डॉ. एपीएस गहरवार, अधीक्षक जीएमएच