शांति देवी तिवारी निवासी कलेक्ट्रेट के पीछे को अपने मायके मझिगवां में जमीन में मिली थी जिसमें उन्होंने फसल बुवाई थी। इस बात को लेकर उनका परिवार के लोगों के साथ विवाद चल रहा था। बुधवार को सभी लोग गेहूं की फसल कटवाने के लिए गए थे। रात में सभी लोग खेत में पेड़ के नीचे लेटे हुए थे। उसी समय आधा दर्जन की संख्या में लाठियों से लैश होकर आरोपी आए और उन पर हमला कर दिया।
सो रहे लोगों को जमकर पीटा जिसमें करीब चार लोग घायल हो गए। घटना से देर रात अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया। बेखौफ आरोपी हैवानियत का नंगा नाच कर रहे थे। शोर शराबा सुनकर गांव के लोग पहुंचे तो आरोपी मौके से फरार हो गए। घायल घंटो दर्द से कराहते वहां पड़े रहे। बाद में उनको लोग निजी वाहनों से उपचार के लिए संजय गांधी अस्पताल लेकर आए।
घायलों में सुमित तिवारी पिता कृष्णकांत निवासी कलेक्ट्रेट के पीछे, विनय सिंह पिता देवेन्द्र सिंह निवासी खैर, मुकेश तिवारी उर्फ गोलू पंडित पिता रामसजीवन शामिल है। घायलों की हालत नाजुक बताई जा रही है। इस दौरान घटना के समय आरोपियों के द्वारा फायरिंग करने की बात भी सामने आ रही है जिसकी पुलिस तस्दीक कर रह है। किसी भी घायल को गोली लगने की पुष्टि अभी तक चिकित्सकों ने नहीं की है।
डायल 100 ने कहा रात में नहीं आ सकते
रात करीब 1 बजे यह घटना हुई थी। स्थानीय लोगों की माने तो घटना की सूचना डायल 100 को भी दी गई थी लेकिन डायल 100 के कर्मचारियों ने रात में आने से असमर्थता जाहिर की थी। आरोपी खुलेआम पीडि़तों पर लाठियां बरसाते रहे और वे जान बचाने के लिए भागते रहे। सुबह करीब सात बजे डायल 100 अपने निर्धारित प्वाइंट पर पहुंची।
रात करीब 1 बजे यह घटना हुई थी। स्थानीय लोगों की माने तो घटना की सूचना डायल 100 को भी दी गई थी लेकिन डायल 100 के कर्मचारियों ने रात में आने से असमर्थता जाहिर की थी। आरोपी खुलेआम पीडि़तों पर लाठियां बरसाते रहे और वे जान बचाने के लिए भागते रहे। सुबह करीब सात बजे डायल 100 अपने निर्धारित प्वाइंट पर पहुंची।