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Convocation Apsu ; नई शिक्षा नीति भारत को दुनिया में महाशक्ति के रूप में दिलाएगी पहचान : राज्यपाल

locationरीवाPublished: Dec 07, 2021 11:52:42 am

Submitted by:

Mrigendra Singh

– अवधेश प्रताप विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने कहा तक्षसिला, नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों की हर जगह जरूरत

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Convocation Apsu rewa, governor mangubhai patel in rewa


रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा के दीक्षांत समारोह में पहुंचे राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा कि छात्रों की आवश्यकता के अनुसार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है। यह शिक्षा नीति भारत को दुनिया में ज्ञान की महाशक्ति के रूप में पहचान दिलाएगी। यहां शिक्षा लेने वाले छात्र दुनिया के किसी भी कोने में जाकर अपनी सेवाएं दे सकेंगे। राज्यपाल ने कहा कि भारत प्राचीन शिक्षा का बड़ा केन्द्र रहा है। यहां पर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से छात्र शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते थे। अंग्रेजों के शासन से पहले तक्षसिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालय स्थापित थे। अब भी जरूरत है कि उसी तरह देश के हर हिस्से में विश्वविद्यालय स्थापित किए जाएं। दीक्षांत समारोह में शामिल हुए छात्रों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छात्र के रूप में अच्छे अंक लाकर उपलब्धि हासिल की है, अब अच्छे नागरिक और सार्थक जीवन के लिए अच्छा आचरण अपनाएं। शिक्षा पूरी करने के बाद सभी छात्र आशा और अपेक्षा के नए केन्द्र बन गए हैं। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की पहचान वहां के छात्रों और शिक्षकों के आचरण से होने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि आचार्य सिखाता है और गुरु सद्मार्ग की राह दिखाता है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के ८० छात्रों को गोल्ड मेडल और डिग्री की उपाधि प्रदान की। इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, मुख्य वक्ता के रूप में आए भारतीय शिक्षण मंडल के मुकुल कानिटकर, कुलपति राजकुमार आचार्य, कुलसचिव सुरेन्द्र सिंह परिहार, कलेक्टर इलैयाराजा टी, एसपी नवनीत भसीन सहित अन्य मौजूद रहे।
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गोल्ड मेडल और उपाधि पाकर छात्रों के खिले चेहरे

रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के नौवें दीक्षांत समारोह में अलग-अलग कक्षाओं में बेहतर अंक हासिल करने वाले छात्रों को उपाधियां और गोल्ड मेडल दिए गए। यह उपलब्धि छात्रों और उनके परिजनों को गौरवांवित करने वाली थी। राज्यपाल एवं उच्च शिक्षा मंत्री के हाथों से सम्मानित होकर छात्रों के चेहरे खिल उठे। किसी ने इसका श्रेय अपने परिजनों को दिया तो किसी ने शिक्षकों को। उपाधि और मेडल प्राप्त करने वाले छात्रों ने कहा कि हर छात्र का यही लक्ष्य होता है कि वह अपने संस्थान में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों में शामिल हो। समारोह के मुख्य अतिथि कुलाधिपति एवं राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने समारोह में 80 सफल विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की। 64 विद्यार्थियों को उत्कृष्ट सफलताओं के लिए पदक प्रदान किए गए। राज्यपाल एवं अन्य अतिथियों ने समारोह में विश्वविद्यालय की वार्षिक पत्रिका दीक्षा तथा शोध पत्रिका विन्ध्य भारती का विमोचन किया।

कोरोना काल में भी शिक्षण संस्थानों ने बेहतर काम किया : मंत्री
दीक्षांत समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के कई विद्यार्थियों ने शिक्षा तथा अन्य क्षेत्रों में अपना विशेष स्थान बनाया है। विश्वविद्यालय ने प्रधानमंत्री की नई शिक्षा नीति को तत्परता से लागू किया है। कोरोना संकट के कठिन काल में भी यहां पठन-पाठन और परीक्षाएं संचालित हुईं। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी बौद्धिक क्षमता से स्वयं तथा देश का
नाम रोशन करने की शुभकामनाएं दी। कहा कि विपरीत परिस्थतियों में भी छात्रों ने परीक्षाएं दी, इस पर शिक्षण संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही।

परीक्षा अनिवार्य व्यवस्था, हर छात्र को पार करना होता है
समारोह में मुख्य वक्ता भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकुल कानिटकर ने कहा कि छात्र के जीवन में परीक्षा अनिवार्य व्यवस्था होती है, इसके लिए हर छात्र को पार करना होता है। प्रतिस्पर्धा और संघर्ष के बाद ही आनंद की प्राप्ति होती है। विद्यार्थी को कठिन परीक्षा से गुजरने के बाद ही सफलता मिलती है। हमें सफल के साथ-
साथ सार्थक बनना चाहिए। हमारे जीवन का जब उद्देश्य स्पष्ट होगा तभी हमारा जीवन सार्थक बनेगा। अपने जीवन के लक्ष्यों का विचार करके इसे देश के ध्येय से जोड़कर लक्ष्य पूर्ति का प्रयास करें। दीक्षांत सही अर्थों में संकल्प का अवसर है। आज हर विद्यार्थी को यह संकल्प लेना चाहिए कि वह जितना पाए उससे अधिक देश के विकास में योगदान का प्रयास करे।
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शोभा यात्रा में शामिल हुए राज्यपाल
विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह शुरू होने पर भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। विश्वविद्यालय के अतिथि भवन से पंडित शंभूनाथ शुक्ला सभागार तक राज्यपाल मंगूभाई पटेल का परंपरागत रूप से स्वागत किया गया। इस शोभा यात्रा में उच्च शिक्षा मंत्री, मुख्य वक्ता, कुलपति, कुलसचिव के साथ ही कार्यपरिषद एवं अकादमिक परिषद के सभी सदस्य शामिल रहे। समारोह में कुलपति ने विश्वविद्यालय की वार्षिक गतिविधियों का प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया। राज्यपाल तथा अन्य अतिथियों को शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेट कर सम्मानित किया गया। समरोह का संचालन कुलसचिव डॉ. सुरेन्द्र सिंह ने किया। समारोह में महाराजा
छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर के कुलपति डॉ. टीआर थापक, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन, विश्वविद्यालय के प्राध्यापकगण, गणमान्य नागरिक तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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कई छात्रों को एक से अधिक स्वर्ण पदक
विश्वविद्यालय के नौवें दीक्षांत समारोह में कई छात्रों को एक से अधिक स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इन छात्रों को अलग-अलग कक्षाओं के नाम पर दिए गए। दो स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले रीवा निवासी आलोक मिश्रा को पहला स्वर्ण पदक एलएलबी में टॉप करने के लिए व दूसरा स्वर्ण पदक एलएलएम में टॉप करने के लिए प्रदान किया गया है। आलोक की माता रीवा के साइंस कॉलेज में हिन्दी विभाग में प्रोफेसर पद पर कार्यरत हैं एवं पिता रिटायर्ड आर्मी अधिकारी हैं। आलोक मिश्रा ने इस उपलब्धि का श्रेय शिक्षकों एवं परिवार के लोगों को दिया है। इसी तरह कई अन्य छात्र जिन्होंने एक से अधिक स्वर्ण पदक प्राप्त हुए उन्होंने भी अपने संबंधियों को उपलब्धि का श्रेय दिया है।
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इन्हें मिली उपाधियां
– पीएचडी– हिन्दी में मीनाक्षी मिश्रा, बृजेश कुमार त्रिपाठी, केके मिश्रा, प्रदीप कुमार विश्वकर्मा, प्रियंका पाण्डेय, अंग्रेजी में अनुराधा श्रीवास्तव। राजनीति शास्त्र में विनोद कुमार पनिका, मनोविज्ञान में अनु मिश्रा, समाजशास्त्र आरती विश्वकर्मा, भूगोल में नरेन्द्र कुमार, राजनीति शास्त्र नारायण प्रसाद नरवरिया, कल्पना नरवरिया, विज्ञान संकाय में अजय कुमार पाण्डेय, सत्यप्रकाश पाण्डेय, रेखा त्रिपाठी, चेतना, रूबी पाण्डेय, करुणा पटेल, पुष्पेन्द्र सिंह, अंकिता गुप्ता, सूरज सिंह चौहान, विधि में प्रीतू सिंह, श्रद्धा सिंह, शिवकांत कुशवाहा, वाणिज्य रामजस, शिल्पा गुप्ता, गृह विज्ञान नीलम दुबे, प्रबंध प्रणत कनौडिया, आरती पाण्डेय, विधि त्रिपाठी, सुनीता, संकल्प शुक्ला, दीप्ति दुबे, प्रियंका, शैलेश तिवारी।
एमफिल-– हिन्दी में पूजा सोनी, नमिता द्विवेदी, अनीता नामदेव। सोशल वर्क कुलदीप पटेल, गणित में सुप्रिया तिवारी, दीप्ति मिश्रा, रसायन शास्त्र में शाइस्ता गफ्फार, चीजो चाको फिजिक्स, जीवविज्ञान तुफैलउर रहमान, सृष्टि सिंह, अशीष कुमार, पूजा गर्ग, महिमा पाण्डेय, रोशनी सोनी, शरद सिंह बघेल, वाणिज्य में पूजा तिवारी, शिवम अग्रवाल

– स्नातकोत्तर-– अंग्रेजी में प्रतिष्ठा सिंह, प्रियंका पुष्कर, हिन्दी में शैलेश कुमार तिवारी, एमएसडब्ल्यू में माखन यादव, प्राचीन भारतीय इतिहास में प्रहलाद साकेत, सूर्यदीप पाण्डेय, राजनीति शास्त्र में निकिता सिंह, शिवानी शुक्ला, अनूप उपाध्याय, मीनू मिश्रा, विज्ञान संकाय ज्ञानदीप तिवारी, प्रियंका पाण्डेय, योगमाया मिश्रा, सना सिद्दीकी, आतिश कुमार मिश्रा, रोशनी सिंह राठौर, अमित सिंह, आशा मिश्रा, माधुरी मिश्रा, सविता माझी, दीपिका पटेल, विशाखा सिंह, वाणिज्य में सोनम माखीजा, शिवम वर्मा, प्रबंध में साक्षी गुप्ता, रश्मि पाण्डेय, शिवानी सिन्हा आदि।
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जल्दबाजी में कइयों को दूसरों की डिग्री वितरित करा दी
विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लगातार दीक्षांत समारोह का रिहर्सल कराए जाने के बाद भी मुख्य आयोजन में लापरवाही सामने आई। राज्यपाल तक डिग्री पहुंचाने में क्रम टूटने की वजह से वितरण में कई छात्रों की डिग्रियां बदल गई। कुछ छात्रों ने मंच पर ही इसकी जानकारी दी तो राज्यपाल ने कहा बाद में बदल लेना। कार्यक्रम के समापन पर मंच से घोषणा भी की गई कि जिनका नाम बदला है वह मंच में आकर सही कराएं।
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1.13 घंटे चले दीक्षांत कार्यक्रम
दीक्षांत का कार्यक्रम अपने निर्धारित कार्यक्रम से 17 मिटन विलंब से प्रारंभ हुआ और दस मिनट पहले ही समाप्त हो गया। शोभा यात्रा के बाद ठीक 11 बजे कार्यक्रम प्रारंभ होना था। शोभा यात्रा 11.17 बजे पहुंची। सरस्वती वंदना, स्वागत के बाद के बाद 11.30 बजे से उपाधि और स्वर्ण पदक वितरण का कार्य प्रारंभ हुआ। दोपहर 12.09 बजे छात्रों को दीक्षांत की शपथ दिलाई गई। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने नौ मिनट का भाषण दिया। दोपहर 12.20 बजे उनका भाषण समाप्त होने के बाद राष्ट्रगान हुआ और कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की गई।
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Mrigendra Singh IMAGE CREDIT: patrika

भोपाल के एएसपी दिनेश कौशल को डी-लिट की उपाधि
विश्वविद्यालय एक डीलिट की भी उपाधि प्रदान की है। यह भोपाल के एएसपी दिनेश कौशल को दी गई है। दिनेश इसके पहले रीवा में भी नगर पुलिस अधीक्षक के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। दर्शन शास्त्र में उन्हें यह उपाधि प्रदान की गई है।
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