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रीवा

विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की मांगें नहीं मानी गई तो कर दिया का कार्य बंद

– शासन का मामला विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताकर हड़ताल से वापस लौटने की अपील की फिर भी कर्मचारी नहीं माने

रीवाJan 24, 2020 / 12:25 pm

Mrigendra Singh

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convocation apsu rewa, university worker strike

रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनसे हड़ताल पर नहीं जाने की अपील की थी लेकिन कर्मचारियों ने इसे नहीं माना। एक दिन पहले ही कर्मचारियों की हुई महासभा की बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार 23 जनवरी सायं पांच बजे तक सातवें वेतनमान के एरियर्स की राशि की पहली किश्त जारी करने के लिए कहा था। इसके साथ ही चेतावनी दी थी कि उक्त अवधि तक यदि कर्मचारियों के खाते में राशि जमा नहीं कराई जाएगी तो २४ जनवरी को सुबह साढ़े दस बजे से कार्य का बहिष्कार करते हुए विश्वविद्यालय में तालाबंदी करेंगे।
विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से राशि तो एरियर की नहीं भेजी गई, बल्कि हड़ताल पर नहीं जाने की अपील जरूर की गई। साथ ही कहा गया कि यह मामला शासन स्तर पर निराकृत किया जाना है। इसमें विश्वविद्यालय की ओर से कोई अड़ंगा नहीं लगाया जा रहा है। कर्मचारियों के नेताओं की सायं विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन फिर एक बैठक हुई, जिसमें तय किया गया है कि वह कार्य का बहिष्कार जारी रखेंगे। साथ ही प्रेसकांफ्रेंस कर अपनी मांगों को शासन तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। कर्मचारियों द्वारा बीते करीब सप्ताह भर से लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। अपनी मांगें कर्मचारियों की ओर से पहले ही कुलपति एवं कुलसचिव के सामने रखी थी, उन पर अमल नहीं होने की वजह से अब टकराव और बढ़ गया है। कर्मचारियों ने खुले तौर पर ऐलान कर दिया है कि वह अब आंदोलन जारी रखेंगे और अपनी मांगों को पूरा कराएंगे।
– दीक्षांत समारोह पर पड़ेगा असर
कर्मचारियों की इस हड़ताल के चलते आगामी २८ जनवरी को होने वाले दीक्षांत समारोह की तैयारियों पर बड़ा असर पड़ेगा। कर्मचारियों ने कहा है कि शुक्रवार से ही वह विश्वविद्यालय का कोई काम नहीं करेंगे बल्कि अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल लालजी टंडन, उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी सहित कई अन्य प्रमुख लोगों को पहुंचना है। ऐसे में तैयारियों में कमी रही तो विश्वविद्यालय की गरिमा भी प्रभावित होगी। एक ओर कर्मचारियों द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है, वहीं कुछ असंतुष्ट प्रोफेसर भी गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं। इसमें वे भी शामिल हैं, जो सार्वजनिक रूप से अपने को कुलपति का करीबी प्रदर्शित करते हैं।
– कुलपति ने अधिकारियों के साथ फिर की बैठक
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूषरंजन अग्रवाल ने अधिकारियों के साथ बैठक कर कर्मचारियों से जुड़ी समस्याओं और उनके हड़ताल पर जाने की चेतावनी पर चर्चा की। साथ ही शासन को भी कर्मचारियों की मांगों से अवगत कराया गया है। वहीं कर्मचारी संघ के नेताओं को फिर प्रशासन ने हड़ताल पर नहीं जाने के लिए कहा है।

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