गायनी की ओपीडी बंद
गायनी वार्ड में ओपीडी बंद करने के बाद डिलेवरी प्वाइंट से लेकर वार्ड में भीड़ रहती है। महिला चिकित्सकों ने कोरोना को लेकर अस्पताल में एहतियान प्रसूताओं के बेड दूर-दूर करा दिया है। गायनी की विभागाध्यक्ष डॉ कल्पना यादव ने कोरोना से बचाव को लेकर प्रसूताओं को समझास दी जा रही है। पहले की तरह की डिलेवरी हो रही है। औसत प्रतिदिन 30 डिलेवारी हो रही है। इसके अलावा सीजर्स भी हो रहे हैं। हां यह जरुर है कि कोरोनों को लेकर प्रसूताओं में जागरुकता नहीं है। घर से लेकर अस्पताल आने तक असुरक्षित हैं। यहां भर्ती होने के बाद उन्हें सुरक्षित रहने के लिए समझाइस दी जाती है।
गायनी वार्ड में ओपीडी बंद करने के बाद डिलेवरी प्वाइंट से लेकर वार्ड में भीड़ रहती है। महिला चिकित्सकों ने कोरोना को लेकर अस्पताल में एहतियान प्रसूताओं के बेड दूर-दूर करा दिया है। गायनी की विभागाध्यक्ष डॉ कल्पना यादव ने कोरोना से बचाव को लेकर प्रसूताओं को समझास दी जा रही है। पहले की तरह की डिलेवरी हो रही है। औसत प्रतिदिन 30 डिलेवारी हो रही है। इसके अलावा सीजर्स भी हो रहे हैं। हां यह जरुर है कि कोरोनों को लेकर प्रसूताओं में जागरुकता नहीं है। घर से लेकर अस्पताल आने तक असुरक्षित हैं। यहां भर्ती होने के बाद उन्हें सुरक्षित रहने के लिए समझाइस दी जाती है।
चिकित्सक हर प्रसूताओं को दे रहीं समझाइस
हर प्रसूताओं को महिला चिकित्सक कोरोना से अलर्ट रहने का सुझाव दे रहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रसूताओं के आपरेशन आदि में इस तरह के लक्षण का अटैक कम रहता है। उधर, शिशु एवं बाल्य रोग विभाग में मरीजों की संख्या कम हो गई है। कुपोषण इकाई में भी बच्चों को नहीं रखा गया है।
हर प्रसूताओं को महिला चिकित्सक कोरोना से अलर्ट रहने का सुझाव दे रहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रसूताओं के आपरेशन आदि में इस तरह के लक्षण का अटैक कम रहता है। उधर, शिशु एवं बाल्य रोग विभाग में मरीजों की संख्या कम हो गई है। कुपोषण इकाई में भी बच्चों को नहीं रखा गया है।
जच्चा-बच्चा के लिए अलर्ट रहना जरूरी
जीएमएच में गायनी की महिला चिकित्सक डॉ शीतल पटेल कहती हैं गर्भवती महिलाएं घर पर रहें। सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचें। दवा न करें। बहुत जरूरी होने पर ही इस्तेमाल करें। सर्दी, खांसी और जुकाम पर ही आएं। नवजात शिशुओं व प्रसूताओं के लिए साफ-सफाई अति आश्वयक है। साफ पानी व भोजन की सलाह दी हैं। कोरोना से बचाव के लिए भीड़ से अलग रखना अति आश्वयक है। मां के पास नवजात को किसी तरह के संक्रमण का खतरा नहीं रहता है।
जीएमएच में गायनी की महिला चिकित्सक डॉ शीतल पटेल कहती हैं गर्भवती महिलाएं घर पर रहें। सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचें। दवा न करें। बहुत जरूरी होने पर ही इस्तेमाल करें। सर्दी, खांसी और जुकाम पर ही आएं। नवजात शिशुओं व प्रसूताओं के लिए साफ-सफाई अति आश्वयक है। साफ पानी व भोजन की सलाह दी हैं। कोरोना से बचाव के लिए भीड़ से अलग रखना अति आश्वयक है। मां के पास नवजात को किसी तरह के संक्रमण का खतरा नहीं रहता है।
वर्जन…
अस्पताल में औसत प्रतिदिन 30 डिलेवरी हो रही हैं। कोरोना से बचाव की जानकारी प्रसूताओं को दी जा रही है। अभी तक ऐसा कोई मरीज नहीं मिला है। हां यह जरूर है कि डिलेवरी के लिए अस्पताल आ रहीं महिलाओं में कोरोना को लेकर जागरुकता नहीं है। महिला चिकित्सक उन्हें अलर्ट रहने का सुझाव दे रहीं हैं।
अस्पताल में औसत प्रतिदिन 30 डिलेवरी हो रही हैं। कोरोना से बचाव की जानकारी प्रसूताओं को दी जा रही है। अभी तक ऐसा कोई मरीज नहीं मिला है। हां यह जरूर है कि डिलेवरी के लिए अस्पताल आ रहीं महिलाओं में कोरोना को लेकर जागरुकता नहीं है। महिला चिकित्सक उन्हें अलर्ट रहने का सुझाव दे रहीं हैं।
डॉ कल्पना यादव, विभागाध्यक्ष, गायनी विभाग