4982 पोस्ट के जरिए छात्रों को दी सूचनाएं
विश्वविद्यालय ने यूटीडी में अध्ययन करने वाले छात्रों को वाट्सएप के जरिए सूचनाएं भेजना शुरू कर दिया है। प्रबंधन का दावा है कि अब तक 4982 आनलाइन कक्षाओं का आयोजन किया जा चुका है। जिसमें स्पेशल लेक्चर के वीडियो, पीडीएफ, पीपीटी, आडियो एवं अन्य कई माध्यमों के जरिए जानकारियां पहुंचाई जा रही हैं।
विश्वविद्यालय ने यूटीडी में अध्ययन करने वाले छात्रों को वाट्सएप के जरिए सूचनाएं भेजना शुरू कर दिया है। प्रबंधन का दावा है कि अब तक 4982 आनलाइन कक्षाओं का आयोजन किया जा चुका है। जिसमें स्पेशल लेक्चर के वीडियो, पीडीएफ, पीपीटी, आडियो एवं अन्य कई माध्यमों के जरिए जानकारियां पहुंचाई जा रही हैं।
लॉकडाउन के बाद 25 दिन का समय तैयारी के लिए चाहिए
लॉकडाउन समाप्त होने के तुरंत बाद परीक्षाएं प्रारंभ नहीं की जा सकती। हालांकि विश्वविद्यालय की ओर से तैयारियां की जा रही हैं। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद 20 से 25 दिन का समय परीक्षा कार्यक्रम तय करने एवं परीक्षा सामग्री पहुंचाने आदि में लग सकते हैं। इस अवधि में जो छात्र आनलाइन कक्षाओं के जरिए सूचनाएं नहीं प्राप्त कर सके हैं, उन्हें विशेष कक्षाओं के माध्यम से परीक्षा के लिए तैयार कराया जाएगा। पहले इसकी तिथि 5 से 20 मई तक की थी। लॉकडाउन की अवधि बढऩे से इसे निरस्त कर दिया गया है। साथ ही एक समिति भी वरिष्ठ प्रोफेसर्स की बनाई गई है जिसमें प्रो. दिनेश कुशवाहा, प्रो. महेशचंद्र श्रीवास्तव, प्रो. अतुल पाण्डेय आदि को शामिल किया है। आगामी तैयारियों पर ये रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
लॉकडाउन समाप्त होने के तुरंत बाद परीक्षाएं प्रारंभ नहीं की जा सकती। हालांकि विश्वविद्यालय की ओर से तैयारियां की जा रही हैं। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद 20 से 25 दिन का समय परीक्षा कार्यक्रम तय करने एवं परीक्षा सामग्री पहुंचाने आदि में लग सकते हैं। इस अवधि में जो छात्र आनलाइन कक्षाओं के जरिए सूचनाएं नहीं प्राप्त कर सके हैं, उन्हें विशेष कक्षाओं के माध्यम से परीक्षा के लिए तैयार कराया जाएगा। पहले इसकी तिथि 5 से 20 मई तक की थी। लॉकडाउन की अवधि बढऩे से इसे निरस्त कर दिया गया है। साथ ही एक समिति भी वरिष्ठ प्रोफेसर्स की बनाई गई है जिसमें प्रो. दिनेश कुशवाहा, प्रो. महेशचंद्र श्रीवास्तव, प्रो. अतुल पाण्डेय आदि को शामिल किया है। आगामी तैयारियों पर ये रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
नए विकल्प तैयार करने में रीवा कुलपति भी
कुछ दिन पहले ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने शिक्षण सत्र की अवधि सितंबर से प्रारंभ करने, छात्रों को जनरल प्रमोशन देने का विकल्प सरकारों पर छोडऩे सहित अन्य कई प्रस्ताव दिए हैं। इस पर नए विकल्प तैयार करने के लिए राज्यपाल की ओर से एक कमेटी गठित की गई है। जिसमें अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा के कुलपति प्रो. पीयूषरंजन अग्रवाल भी शामिल हैं। कमेटी के संयोजक जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलपति को बनाया गया है। कई बैठकें कुलपतियों एवं अधिकारियों की इस पर हो चुकी हैं। जिसमें अलग-अलग विचार सामने आए हैं। इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। सप्ताह भर के भीतर ही रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपने की तैयारी है।
कुछ दिन पहले ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने शिक्षण सत्र की अवधि सितंबर से प्रारंभ करने, छात्रों को जनरल प्रमोशन देने का विकल्प सरकारों पर छोडऩे सहित अन्य कई प्रस्ताव दिए हैं। इस पर नए विकल्प तैयार करने के लिए राज्यपाल की ओर से एक कमेटी गठित की गई है। जिसमें अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा के कुलपति प्रो. पीयूषरंजन अग्रवाल भी शामिल हैं। कमेटी के संयोजक जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलपति को बनाया गया है। कई बैठकें कुलपतियों एवं अधिकारियों की इस पर हो चुकी हैं। जिसमें अलग-अलग विचार सामने आए हैं। इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। सप्ताह भर के भीतर ही रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपने की तैयारी है।
कॉलेजों में ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था नहीं
विश्वविद्यालय ने तो यूटीडी के छात्रों के लिए आनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था कर ली है लेकिन कालेजों में अभी तक छात्रों को आनलाइन माध्यमों के जरिए पाठ्य सामग्री उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। पीजी की कक्षाओं में कुछ प्रोफेसर अपने करीबी छात्रों को नोट्स उपलब्ध करा रहे हैं लेकिन अधिकांश जगह छात्रों की तैयारियां ठप होती जा रही हैं। खासतौर पर स्नातक कक्षाओं के छात्रों की सं या भी अधिक है और उन्हें किसी तरह से कालेजों की ओर से पाठ्य सामग्री भी आनलाइन के जरिए नहीं मिल पा रही हैं। कई कालेजों के छात्रों ने मांग भी उठाई है कि आनलाइन व्यवस्था दी जाए अन्यथा जनरल प्रमोशन के लिए शासन से मांग की जाए।
विश्वविद्यालय ने तो यूटीडी के छात्रों के लिए आनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था कर ली है लेकिन कालेजों में अभी तक छात्रों को आनलाइन माध्यमों के जरिए पाठ्य सामग्री उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। पीजी की कक्षाओं में कुछ प्रोफेसर अपने करीबी छात्रों को नोट्स उपलब्ध करा रहे हैं लेकिन अधिकांश जगह छात्रों की तैयारियां ठप होती जा रही हैं। खासतौर पर स्नातक कक्षाओं के छात्रों की सं या भी अधिक है और उन्हें किसी तरह से कालेजों की ओर से पाठ्य सामग्री भी आनलाइन के जरिए नहीं मिल पा रही हैं। कई कालेजों के छात्रों ने मांग भी उठाई है कि आनलाइन व्यवस्था दी जाए अन्यथा जनरल प्रमोशन के लिए शासन से मांग की जाए।