पत्नी ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका
तलाक के एक पक्षीय आदेश के बाद युवक के शादी करने की सूचना मिलने पर युवती ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर फैसले को चुनौती दी। हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए अधीनस्थ न्यायालय द्वारा जारी आदेश पर स्थगन आदेश जारी कर दिया। स्थगन आदेश लेकर गुरुवार की दोपहर युवती सिविल लाइन थाने पहुंची और पुलिस ने शादी रुकवाने की मांग की। पुलिस ने न्यायालय के आदेश का पालन करवाने के लिए युवक के घर पहुंच गई। इस दौरान परिजनों को उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश की जानकारी देकर उनसे न्यायालय के अग्रिम आदेश तक शादी नहीं करने की हिदायत दी जिस पर परिजन तैयार हो गये।
गुरुवार को जानी थी बारात
युवक की गुरुवार को शादी होने वाली थी। शादी की सारी तैयारियां हो गई थी और सभी मेहमान भी घर आ गये थे। पूरा परिवार शाम को बारात जाने की तैयारी कर रहा था लेकिन दोपहर ही पुलिस पहुंच गई जिससे शादी की खुशियां हवा हो गई। उधर कन्या पक्ष के द्वारा भी शादी की पूरी तैयारी कर ली गई थी।
तलाक के एक पक्षीय आदेश के बाद युवक के शादी करने की सूचना मिलने पर युवती ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर फैसले को चुनौती दी। हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए अधीनस्थ न्यायालय द्वारा जारी आदेश पर स्थगन आदेश जारी कर दिया। स्थगन आदेश लेकर गुरुवार की दोपहर युवती सिविल लाइन थाने पहुंची और पुलिस ने शादी रुकवाने की मांग की। पुलिस ने न्यायालय के आदेश का पालन करवाने के लिए युवक के घर पहुंच गई। इस दौरान परिजनों को उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश की जानकारी देकर उनसे न्यायालय के अग्रिम आदेश तक शादी नहीं करने की हिदायत दी जिस पर परिजन तैयार हो गये।
गुरुवार को जानी थी बारात
युवक की गुरुवार को शादी होने वाली थी। शादी की सारी तैयारियां हो गई थी और सभी मेहमान भी घर आ गये थे। पूरा परिवार शाम को बारात जाने की तैयारी कर रहा था लेकिन दोपहर ही पुलिस पहुंच गई जिससे शादी की खुशियां हवा हो गई। उधर कन्या पक्ष के द्वारा भी शादी की पूरी तैयारी कर ली गई थी।
उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश
युवक का न्यायालय से तलाक हो गया था जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश जारी किया गया था। उक्त आदेश के परिपालन में युवक की शादी रुकवाई गई है और परिजनों से न्यायालय के अग्रिम आदेश तक शादी नहीं करने की सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाये गये है।
अरुण सोनी, टीआई सिविल लाइन
युवक का न्यायालय से तलाक हो गया था जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश जारी किया गया था। उक्त आदेश के परिपालन में युवक की शादी रुकवाई गई है और परिजनों से न्यायालय के अग्रिम आदेश तक शादी नहीं करने की सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाये गये है।
अरुण सोनी, टीआई सिविल लाइन