कोरोना प्रोटोकाल में दी गई डमी वैक्सीन की डोज
जिले में तीन केन्द्रों पर वैक्सीनेशन के पद्धति को परखा गया। मैसेज के आधार पर केन्द्रों पर टीका लगवाने पहुंचे लोगों को टीका लगवाने के दौरान किस तरह से फार्म भरना है। कितने चरण में टीका लगेगा और टीका लगने के बाद कितनी देर निगरानी कक्ष में बैठना है। कोरोना प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन किया गया। डाई रन पूरी तरह सफल रहा।
कमिश्नर ने केन्द्र का किया निरीक्षण
कमिश्नर राजेश कुमार जैन जिला अस्पताल केन्द्र पर पहुंचे। वहां पर टीका लगवाने के लिए इंतजार कर रहे लोगों से पूछताछ की। इसके बाद कमिश्नर पोर्टल से भेजे गए मैसेज के आधार पर टीका लगवाने के लिए पहुंचे लोगों का मिलान की जानकारी भी ली। मेडिकल कालेज में वैक्सीनेशन सेंटर पर सुबह 9 बजे टीका लगाने की प्रक्रिया प्रारंभ की।
केन्द्रों पर ऐसा हुआ ड्राई रन
केन्द्रों पर मैसेज के आधार पर पहुंचे हेल्थ वर्करों को पहले चरण में वैक्सीन लगवाने आए व्यक्ति की पोर्टल के जरिए भेजे गए मैसेज के आधार पर आईडी कार्ड द्वारा पहचान की गई। दूसरे चरण में उस व्यक्ति को डमी वैक्सीन लगाई गई। तीसरे चरण में वैक्सीनेशन वाले व्यक्ति को ऑब्जरवेशन रूम में बैठाकर करीब 30 मिनट तक निगरानी की गई। यहां आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के तरीकों का भी पूर्वाभ्यास हुआ। डॉक्टरों ने रिएक्शन, एलर्जी आदि स्थितियों में किस तरह इलाज देना है इसका अभ्यास किया गया।
मेडिकल कालेज में सफल ड्राई रन
मेडिकल कालेज के डीन डॉ मनोज इंदुलकर के मुताबिक डमी वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पूरी तरह सफल रही। कोरोना प्रोटोकाल के तहत सुबह 9 बजे से 11 बजे के बीच वैक्सीनेशन सेंटर पर सफल ड्राई रन किया गया। उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन के बाद हर मरीज को निर्धारित समय तक ऑब्जरवेशन में रहना जरूरी है। ऑब्जरवेशन के दौरान भी मरीज का डाटा नोट करते हैं।
30-30 को दिया डोज
जिला अस्पताल में कोरोना प्रोटोकाल के तहत ड्राई रन किया गया। टीकाकरण अधिकारी डॉ बसंत अग्रिहोत्री ने बताया कि शहर में तीन जगहों पर ड्राई रन किया गया। मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल में 30-30 को डमी वैक्सीनेशन की डोज दी गई। इसके अलावा डिहिया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में 44 लोग पहुंचे थे। जिसमें 22 को डमी वैक्सीन दी गई है। टीकाकरण सत्र के समय 50 स्वास्थ्य कर्मियों के लिए प्रतीक्षालय, सामाजिक दूरी, एक टीकाकरण एवं एक पर्यवेक्षण कक्ष तथा आपातकालीन स्थिति के लिए दो बेड के साथ डॉक्टर एवं नर्सों को तैनात किया गया। टीकाकरण के बाद पर्यवेक्षण कक्ष में 30 मिनट तक हर स्वास्थ्य कर्मी की निगरानी की गई।
टीकाकरण स्थल पर रखी जाएगी एम्बुलेंस
ड्राई रन के दौरान सेंटरों पर फीडबैक के दौरान स्वास्थ्य विभाग को मिला कि वैक्सीनेशन सेंटर पर टीकारण के दौरान एम्बुलेंस भी रखना जरूरी है। जिससे टीका लगवाने वाले व्यक्ति के अब्र्जर्वेशन के दौरान आश्वयकता पडऩे पर एम्बुलेंस का उपयोग किया जा सके।
कंट्रोलरूम में पोर्टल पर निगरानी करते रहे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी
शहर में तीन अलग-अलग जगहों पर ड्राई रन के दौरान पोर्टल पर किए गए पंजीयन की निगरानी के लिए मुख्य कंट्रोलरूम से निगरानी के लिए सीएमएचओ स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ निरीक्षण किए।
असमंजस में रहे कई हेल्थवर्कर
शहर में तीन सेंटरों पर मैसेज के तहत हेल्थवर्कर समय से नहीं पहुंचे। ड्राई रन के दौरान कई हेल्थ वर्कर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से फोन पर यह पूछते रहे कि सही वैक्सीन लग रही है या फिर ऐसे ही प्रयोग किया जा रहा है। कई इस बात तो लेकर असमंजस में रहे कि सही वैक्सीन लग रही है।