scriptतारीख पर तारीख: 32 साल बाद भू-स्वामी का नाम खसरे पर दर्ज, अब सीमांकन के लिए पड़ोसी ने दी अर्जी, पढि़ए पूरी खबर | Date on date: Name of landlord after 32 years on record | Patrika News

तारीख पर तारीख: 32 साल बाद भू-स्वामी का नाम खसरे पर दर्ज, अब सीमांकन के लिए पड़ोसी ने दी अर्जी, पढि़ए पूरी खबर

locationरीवाPublished: May 30, 2019 03:40:36 pm

Submitted by:

Rajesh Patel

हुजूर तहसील के चोरहटा में इटीएस मशीन से सीमांकन करने पहुंचे कलेक्टर, शिविर में सुनीं समस्याएं

District Panchayat CEO responsible for 22 departments

District Panchayat CEO responsible for 22 departments

रीवा. कलेक्ट्रेट परिसर में हुजूर तहसील में राजस्व शिविर आयोजित किया गया। शिविर में पहुंचे आवेदनों में पटवारियों, राजस्व अधिकारियों के अनेदखी के मामलेे सामने आए। ज्यादातर राजस्व प्रकरणों के निराकरण में अधिकारियों का पसीना छूट गया। शिविर में कलेक्टर महज तीन प्रकरणों की सुनवाई की। शेष प्रकरणों को अपर कलेक्टर , एसडीएम हुजूर और तहसीलदार ने सुना। ज्यादातर प्रकरणों को तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और पटवारियों को देकर निराकरण की समय-सीमा निर्धारित कर दी गई।
हुजूर तहसील में राजस्व शिविर
हुजूर तहसील में आयोजित शिविर में कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव दोपहर करीब दो बजे पहुंचे। आवेदनों की सुनवाई कर रहे थे कि इस बीच सुरेन्द्र कुमार द्विवेदी ने आवेदन देकर कहा, साहब वर्ष 1983-84 में तत्कालीन पटवारी ने खसरे से नाम गायब कर दिया था। राजस्व प्रकरण की सुनवाई में दो पीढ़ी गुजर गई। मेरे बाबा बैजनाथ और पिता जर्नादन मिश्र की जिंदगी खत्म हो गई। वर्ष 2016 में अपर कलेक्टर कार्यालय में सुनवाई के बाद खसरे का सुधार हो गया। 32 साल बाद तीसरी पीढ़ी को न्याय मिला तो अब पड़ोसी देवतत्त द्विवेदी जमीन का बंटनवारा करा रहे हैं। जबकि बंटनवारे में न तो हम पक्षकार हैं और न ही हमारा इनसे कोई लेना देना है।
अनावेदनक ने कहा हमारी रोक रहे इत्तलावी
इस दौरान शिविर में देवदत्त द्विवेदी ने कलेक्टर को तर्क दिया कि आवेदकगण हमारी इत्तलावी रोक रहे हैं। मामले में कलेक्टर ने कहा जांच कराएंगे। जिसका नाम खतौनी में हैं उसकी सुनवाई होगी। कलेक्टर ने शिविर में महज तीन आवेदन लिए। इसके बाद वह एसडीएम कार्यालय चले गए। तीन बजे के बाद कलेक्ट्रेट की बैठक में चले गए। शिविर में बंटवारा, सीमांकन और नक्शा तरमीम, इत्तलावी के सैकड़ों मामले आए। मौके पर एक भी निराकरण नहीं हुआ। इसके अलावा रास्ते के विवाद के भी कई प्र्रकरण आए। जिसमें तारीख लगा दी गई है।
पटवारी खसरे पर दर्ज नहीं कर रहा नाम
राजस्व शिविर में अपर कलेक्टर, एसडीएम के पास पहुंचे आवेदनों में राजस्व निरीक्षकों और पटवारियों की मनमनी सामने आयी। शिविर में मुन्नी पत्नी चंद्रशेषर तिवारी ने आवेदन देकर राजस्व अधिकारियों को बताया कि पटवरी हल्का इटहा में प्लाट खरीदी हूं। मेरे पति एयर फोर्स में नौकरी करते हैं। पटवारी ने एक साल पहले ऋण पुस्तिका दे दिया। लेकिन, आज तक खसरे में नाम नहीं दर्ज कर रहा है। ये कहानी अकेले मुन्नी तिवारी की नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में भू-स्वामी परेशान हैं।
तीन साल से नहीं हो रहा नक्शा तरमीम
हुजूर तहसील के अजगरहा निवासी अशोक ने आवेदन देकर कहा कि जमीन की रजिस्ट्री कराने के बाद तीन साल से नक्शा तरमीम के लिए भटक रहा हूं। तहसीलदार से लेकर पटवारी को आवेदन देने के बाद भी प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। नक्शा तरमीम नहीं होने से बंटवारा प्रभावित हो रहा है।
चार साल से नहीं हो रहा बंटनवारा
राजस्व शिविर में पहुंची बेबी केवट ने अधिकारियों ने बताया कि चार साल से जमीन का बंटनवारा नहीं हो रहा है। पति के निधन के बाद से जेठ सौखीलाल का 18 एकड़ तालाब में हिस्सा है। जिसका बंटनवारा करने के लिए चार साल से परेशान हूं। साथ में मौजूद बेटे ने कहा, पिता का निधन हो गया है। अब बंटनवारा के लिए चार साल से तहसील का चक्कर लगा रहा हूं।

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