संभागायुक्त ने कहा कि संभाग में कुल 375 पेंशन प्रकरण लंबित हैं जिनमें से अकेले रीवा जिले में 330 प्रकरण लंबित हैं, जो प्रदेश में सबसे अधिक हैं। उन्होंने कहा कि जिन प्रकरणों का निराकरण आहरण संवितरण अधिकारी स्तर से संभव है उनका निराकरण 15 सितम्बर तक करें। उन्होंने कहा कि इस कार्यवाही में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संबंधित डीडीओ जिम्मेदारी पूर्वक पेंशन प्रकरणों का निराकरण कराए। उन्होंने कहा कि कलेक्टर पेंशन प्रकरणों का निराकरण तेजी से कराएं। इसके लिए उन्होंने टीएल बैठक में पेंशन प्रकरणों की समीक्षा करने के निर्देश दिए।
कमिश्नर ने कहा कि संभाग के प्रत्येक जिले में टीएल बैठक में पीपीओ वितरित कराए जाएं। उन्होंने कर्मचारियों को ७वें वेतनमान के एरियर्स की प्रथम किश्त शीघ्रता से प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समय-सीमा में ७वें वेतनमान के एरियर्स की प्रथम किश्त की राशि का भुगतान नहीं करने पर डीडीओ की दो वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोक दी जाएगी। उन्होंने सभी डीडीओ को कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका में 7वें वेतनमान के वेतन का निर्धारण कराने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने बढ़े हुए डीए एरियर्स का भुगतान भी 15 सितम्बर तक करने के निर्देश दिए।
कमिश्नर ने कहा कि 15 सितंबर तक पेंशन प्रकरणों के निराकरण, 7वें वेतनमान के एरियर्स की प्रथम किश्त का भुगतान, वेतन निर्धारण एवं डीए एरियर्स का भुगतान नहीं होने पर डीडीओ की वेतनवृद्धि रोकने की कार्यवाही होगी। उन्होंने सभी डीडीओ को उक्त निर्देशों से अवगत कराने के लिए कहा।
समीक्षा के दौरान संभागायुक्त ने कहा कि कोषालय अधिकारी हर जिले में डीडीओ का वाट्सएप ग्रुप तैयार करें। इस ग्रुप में आवश्यक जानकारी समय-समय पर डीडीओ को दी जाए जिससे वह समय-सीमा में शासन के निर्देशों पर कार्यवाही कर सकें। बैठक में संयुक्त आयुक्त आरके शुक्ला, संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा डीआर महोबिया, संभागीय पेंशन अधिकारी आरके प्रजापति सहित जिलों के कोषालय अधिकारी एवं जिला पेंशन अधिकारी उपस्थित थे।