शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं
जिले के हनुमना के पूर्वी और दक्षिणी छोर पर लोढ़ी, हाटा, भैंसहवा, रामजानकी मंदिर के आस-पास अवैध खदानें संचालित हो रही है। लोढ़ी, हाटा के आस-पास के जंगल में खखरी तोड़कर खदाने लगा दी गई हैं। पखवारेभर पहले हाटा क्षेत्र के छेरिहवा में चल रही अवैध खनन की सूचना फोटो के साथ क्षेत्रीय अमले सहित जिले के आला अधिकारियों को दी गई। इसके बावजूद जिम्मेदारों की सेहत पर फर्क नहीं पड़ रहा है। कार्रवाई करना तो दूर, जिम्मेदार आज तक मौके का मुआयना तक नहीं किया। पड़ोसी राज्य यूपी के मिर्जापुर जिले के वन अधिकारियों ने जिले के अधिकारियों को कई बार पत्र भेजकर एमपी-यूपी की सीमा पर बगैर अनुमति खनन की जानकारी दी गई, इसके बावजूद जिम्मेदारों के सेहत पर फर्क नहीं पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों ने जिला खनिज अधिकारी को सूचना दी है कि हनुमना के पूर्वी और दक्षिणी छोर पर २०० से अधिक जगहों पर अवैध खनन का काम चल रहा है। पत्थर, पटिया की गहरी खदानें खोदी गई हैं। इसी तरह वन अधिकारियों को भी सूचना दी गई है कि आसपास के वन भूमि पर भी खनन का कारोबार चल रहा है। बता दें कि पांच साल पहले एनजीटी ने दोनों राज्यों के बार्डर एरिया में खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है। एनजीटी ने तत्कालीन अधिकारियों को मौके पर रहकर पिटपास जारी करने की अनुमति दी थी। लेकिन, जिम्मेदार एनजीटी के आदेश को दरकिनार कर जिला मुख्यालय से पिटपास जारी कर रहे हैं। सूचना के बाद भी खनन कारोबारियों के खिलाफ कार्रवार्र करना दूर, तमाशनबीन बने हुए हैं।
डेढ़ हजार गड्ढे खोदे, मिट्टी फिलिंग करना भूले
हनुमना क्षेत्र में डेढ़ हजार से अधिक गहरी खदानें खोद कर मिट्टी फिलिंग नहीं किया। गहरी खदानें खोद कर छोड़ दिया है। जिससे खदानों के आस-पास गांव के रहवासी भयभीत हैं। खदानों में हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। जबकि नियम है कि गहरी खदान में काम बंद होने के बाद मिट्टी से पाट दिया जाए। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते खदानों में अनुउपयोगी हो चुकी खदानों में मिट्टी नहीं भरी जा सकी है।
रामजानकी मंदिर के आसपास खोदी पत्थर-पटिया की खदान
जिले के हनुमना क्षेत्र के लोढ़ी-हाटा क्षेत्र में ही रामजानकी मंदिर के सामने नाले में खनन कारोबारियों ने प्रतिबंध के बाद भी गहरी खदान खोद दी है। स्थानीय भक्तों के द्वारा कई बार शिकायत की गई, बावजूद इसके कार्रवाई नहीं की गई। हैरान करने वाली बात तो यह कि प्रदेश की सरकार बदलने के बाद भी खनन का कारोबार पहले जैसे ही चल रहा है।
जिले के हनुमना के पूर्वी और दक्षिणी छोर पर लोढ़ी, हाटा, भैंसहवा, रामजानकी मंदिर के आस-पास अवैध खदानें संचालित हो रही है। लोढ़ी, हाटा के आस-पास के जंगल में खखरी तोड़कर खदाने लगा दी गई हैं। पखवारेभर पहले हाटा क्षेत्र के छेरिहवा में चल रही अवैध खनन की सूचना फोटो के साथ क्षेत्रीय अमले सहित जिले के आला अधिकारियों को दी गई। इसके बावजूद जिम्मेदारों की सेहत पर फर्क नहीं पड़ रहा है। कार्रवाई करना तो दूर, जिम्मेदार आज तक मौके का मुआयना तक नहीं किया। पड़ोसी राज्य यूपी के मिर्जापुर जिले के वन अधिकारियों ने जिले के अधिकारियों को कई बार पत्र भेजकर एमपी-यूपी की सीमा पर बगैर अनुमति खनन की जानकारी दी गई, इसके बावजूद जिम्मेदारों के सेहत पर फर्क नहीं पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों ने जिला खनिज अधिकारी को सूचना दी है कि हनुमना के पूर्वी और दक्षिणी छोर पर २०० से अधिक जगहों पर अवैध खनन का काम चल रहा है। पत्थर, पटिया की गहरी खदानें खोदी गई हैं। इसी तरह वन अधिकारियों को भी सूचना दी गई है कि आसपास के वन भूमि पर भी खनन का कारोबार चल रहा है। बता दें कि पांच साल पहले एनजीटी ने दोनों राज्यों के बार्डर एरिया में खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है। एनजीटी ने तत्कालीन अधिकारियों को मौके पर रहकर पिटपास जारी करने की अनुमति दी थी। लेकिन, जिम्मेदार एनजीटी के आदेश को दरकिनार कर जिला मुख्यालय से पिटपास जारी कर रहे हैं। सूचना के बाद भी खनन कारोबारियों के खिलाफ कार्रवार्र करना दूर, तमाशनबीन बने हुए हैं।
डेढ़ हजार गड्ढे खोदे, मिट्टी फिलिंग करना भूले
हनुमना क्षेत्र में डेढ़ हजार से अधिक गहरी खदानें खोद कर मिट्टी फिलिंग नहीं किया। गहरी खदानें खोद कर छोड़ दिया है। जिससे खदानों के आस-पास गांव के रहवासी भयभीत हैं। खदानों में हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। जबकि नियम है कि गहरी खदान में काम बंद होने के बाद मिट्टी से पाट दिया जाए। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते खदानों में अनुउपयोगी हो चुकी खदानों में मिट्टी नहीं भरी जा सकी है।
रामजानकी मंदिर के आसपास खोदी पत्थर-पटिया की खदान
जिले के हनुमना क्षेत्र के लोढ़ी-हाटा क्षेत्र में ही रामजानकी मंदिर के सामने नाले में खनन कारोबारियों ने प्रतिबंध के बाद भी गहरी खदान खोद दी है। स्थानीय भक्तों के द्वारा कई बार शिकायत की गई, बावजूद इसके कार्रवाई नहीं की गई। हैरान करने वाली बात तो यह कि प्रदेश की सरकार बदलने के बाद भी खनन का कारोबार पहले जैसे ही चल रहा है।