जानकारी के अनुसार चितरंगी निवासी सीमा बैगा पति गणेश को प्रसव पीड़ा के बाद परिजन पहले चितरंगी के अस्पताल ले गए थे। हालत गंभीर होने पर उसे गांधी स्मारक चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। बुधवार को परिजन उसे लेकर अपराह्न 3 बजे रीवा पहुंचे। पंजीयन कराने के बाद लेबर रूम में भर्ती के लिए ले गए। यहां मौजूद नर्सों ने परिजनों से पूछा कितने नंबर की डिलेवरी है। परिजनों ने बताया कि चौथी डिलेवरी है। बस इसी बात को लेकर नर्सों ने लेबर रूम से गर्भवती को वापस कर दिया। हैरानी की बात ये रही है कि जूनियर डॉक्टरों ने भी इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया।
भर्ती करने से इंकार के बाद बाद गर्भवती अस्पताल के बरामदे में तड़पती रही। करीब रात 7.30 बजे उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। यह देख आसपास बैठी महिलाएं आ गई और गांधी अस्पताल के गेट के पास ही डिलेवरी कराई गई। गेट पर डिलेवरी की सूचना पाकर लेबर रूम से स्टॉफ पहुंचा तब तक देर हो चुकी थी नवजात की सांसे थम चुकी थी। जिसके बाद मामले को लेकर अस्पताल में हड़कंप मच गया। मामले की सूचना पर एसजीएमएच के सीएमओ डॉ. अलख प्रकाश मौके पर पहुंचे और फौरन प्रसूता को गंभीर हालत में लेबर रूम में भर्ती कराया गया। जहां आईसीयू में रखा गया है। डॉ. अलख ने बताया कि रेफर केस था, गंभीर स्थिति थी तत्काल लेबर रूम में भर्ती करना चाहिए था।