यहां पर अलग-अलग विभागों में कार्यरत 60 कर्मचारी सरकारी मकानों में रह रहे थे। कुछ दिन पहले ही नोटिस देकर सभी को मकान खाली करने के लिए कहा गया है। बरसात के मौसम में अचानक किराए का मकान मिल पाना मुश्किल हो रहा है। पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत खन्ना चौराहे की 4808 वर्गफिट भूमि बिडर को दी जाएगी।
इस योजना के तहत 56 करोड़ रुपए की भूमि सरकार बिडर को देगी और उसके बदले 52 करोड़ रुपए का निर्माण कराया जाना है। इस निर्माण में 25 करोड़ रुपए में बीहर का रिवरफ्रंट एवं सिविल लाइन एरिया में आवासीय परिसर, सड़क का सौंदर्यीकरण, इंजीनियरिंग कालेज परिसर में निर्माण आदि शामिल हैं। बिडर की ओर से सरकार के लिए मकान बनाने और अन्य कार्य शुरू हो चुके थे लेकिन उसे मिलने वाली भूमि खाली नहीं कराई जा रही थी। इसलिए प्रशासन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था।
बताया गया है कि खन्ना चौराहे में चिन्हित भूमि खाली कराने के बाद बिडर को सौंपी जाएगी। कई कर्मचारियों ने प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध किया है। अब सोमवार को इसकी शिकायत करने कलेक्टर के पास इन कर्मचारियों का परिवार पहुंचेगा। यह मांग उठाई जाएगी कि बरसात के दिनों में उन्हें आवास से बाहर नहीं किया जाए।