एक पखवाड़ा पहले मांगा था आवेदन, केवल 11 आए
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से दल में बतौर विषय विशेषज्ञ शामिल होने के बावत शिक्षकों से आवेदन मांगे गए थे। करीब एक पखवाड़ा पहले आवेदन मांगा गया था। लेकिन अभी तक महज ११ शिक्षकों ने आवेदन कर दल में शामिल होने की इच्छा जताई है। जबकि दल के लिए नौ विषयों के विशेषज्ञों के रूप में उत्कृष्ट शिक्षकों का चयन करना है।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से दल में बतौर विषय विशेषज्ञ शामिल होने के बावत शिक्षकों से आवेदन मांगे गए थे। करीब एक पखवाड़ा पहले आवेदन मांगा गया था। लेकिन अभी तक महज ११ शिक्षकों ने आवेदन कर दल में शामिल होने की इच्छा जताई है। जबकि दल के लिए नौ विषयों के विशेषज्ञों के रूप में उत्कृष्ट शिक्षकों का चयन करना है।
आवेदन की संख्या कम होने से बचा नहीं कोई विकल्प
दल में शामिल होने के बावत नौ पदों के लिए आए महज 11 आवेदनों के चलते स्थिति यह बन रही है कि शिक्षा अधिकारी उन्हें दल में शामिल कर उद्देश्य की पूर्ति का प्रयास करें। क्योंकि आवेदन की संख्या कम होने के चलते उनके पास चयन के लिए कोई विकल्प नहीं बचा है।
दल में शामिल होने के बावत नौ पदों के लिए आए महज 11 आवेदनों के चलते स्थिति यह बन रही है कि शिक्षा अधिकारी उन्हें दल में शामिल कर उद्देश्य की पूर्ति का प्रयास करें। क्योंकि आवेदन की संख्या कम होने के चलते उनके पास चयन के लिए कोई विकल्प नहीं बचा है।
कई विषयों में बतौर विशेषज्ञ शामिल होंगे शिक्षक
फिलहाल शिक्षा अधिकारी उन शिक्षकों से भी संपर्क करने की कोशिश में लगे हुए हैं, जिनके द्वारा पिछले वर्ष दल में शामिल होने की इच्छा जताई गई थी। गौरतलब है कि दल में हाइस्कूल के हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत सहित अन्य विषयों के शिक्षकों को विषय विशेषज्ञ के रूप में शामिल किया जाता है।
फिलहाल शिक्षा अधिकारी उन शिक्षकों से भी संपर्क करने की कोशिश में लगे हुए हैं, जिनके द्वारा पिछले वर्ष दल में शामिल होने की इच्छा जताई गई थी। गौरतलब है कि दल में हाइस्कूल के हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत सहित अन्य विषयों के शिक्षकों को विषय विशेषज्ञ के रूप में शामिल किया जाता है।
पिछले वर्ष भी बने थे कुछ ऐसे ही हालात
ज्ञानपुंज दल का हाल पिछले वर्ष भी कुछ ऐसा ही रहा है। कई बार आवेदन मांगे जाने के बावजूद शिक्षकों ने रुचि नहीं दिखाई। नतीजा यह रहा कि न ही ज्ञानपुंज दल का गठन हो पाया और न ही बोर्ड परीक्षा की तैयारी के मद्देनजर छात्रों को सुविधा मिल पाई। इस बार भी कुछ ऐसी ही स्थिति दिख रही है।
ज्ञानपुंज दल का हाल पिछले वर्ष भी कुछ ऐसा ही रहा है। कई बार आवेदन मांगे जाने के बावजूद शिक्षकों ने रुचि नहीं दिखाई। नतीजा यह रहा कि न ही ज्ञानपुंज दल का गठन हो पाया और न ही बोर्ड परीक्षा की तैयारी के मद्देनजर छात्रों को सुविधा मिल पाई। इस बार भी कुछ ऐसी ही स्थिति दिख रही है।