जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग के रेकार्ड में वित्तीय वर्ष 2018-19 में यानी सांसद-विधायकों के अंतिम साल में करीब बीस करोड़ रुपए विकास कार्यों पर जारी की गई है। सांसद निधि से 246 विकास कार्यों के लिए करीब पांच करोड़ रुपए के बजट को स्वीकृत किया गया है। जबकि विधायक निधि से 1.94 लाख रुपए हर विधायक ने अपने-अपने विकास के लिए बजट दिया है।
बीते सत्र में सबसे कम विकास कार्यों के प्रस्ताव रीवा विधानसभा के विधायक राजेन्द्र शुक्ल ने पूरी राशि खर्च कर दिया है। जबकि सिरमौर विधायक ने 94 कार्यों पर 1.85 करोड़ रुपए का बजट खर्च किया है। सबसे अधिक प्रस्ताव मऊगंज, सेमरिया और त्योंथर के विधायकों ने प्रस्ताव देकर निधि का उपयोग किया है। सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार ज्यादातर माननीयों के निधि से कराए गए विकास कार्यों के उपयोगिता प्रमाण-पत्र अभी तक नहीं आए हैं।
वित्तीय वर्ष 2018-19 में सांसद और विधायक निधि को मिलाकर 1127 विकास कार्यो पर कुलमिलाकर बीस करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है। ज्यादातर विकास कार्यों की सीसी जारी नहीं हो सकी है।
जिले में बीते सत्र यानी वित्तीय वर्ष 2018-19 में सांसद जनार्दन मिश्र ने विकास कार्य के लिए 300 से अधिक प्रस्ताव भेजे थे। जिसमें २४६ कार्यों की वित्तीय स्वीकृत दी गई थी। पांच करोड़ रुपए का बजट विकास कार्यों के लिए जारी कर दिया गया। ज्यादातर विकास कार्य आज भी अधूरे पड़े हैं। सांसद की ओर से बीते सत्र में भेजे गए सैकड़ो प्रस्ताव अभी भी डंप पड़े हैं।
टोकन में मिलेगी विधायकों की निधि
कांग्रेस सरकार में विधायक निधि टोकन के आधार पर भेजी जाएगी। विधानसभा चुनाव के छह माह बीतने के बाद राज्य सरकार ने विधायकों की पहली किस्त करीब 60-60 लाख रुपए की भेजी है। जबकि वार्षिक निधि 1.94 करोड़ रुपए है। इसके अलावा विधायकों को 15 लाख रुपए हर साल स्वेच्दानुदान दी जाती है। इस बार सरकार विधायकों के प्रस्ताव के आधार पर विधायक निधि जारी करेगी। जैसे-जैसे प्रस्ताव आएंगे, उसी आधार पर प्रस्तावों को स्वीकृत दी जाएगी।