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इस जिले में सांसद-विधायक निधि के 20 करोड़ रुपए निर्माण एजेंसियों को देकर भूले जिम्मेदार

locationरीवाPublished: Jun 25, 2019 11:50:35 am

Submitted by:

Rajesh Patel

वित्तीय वर्ष 2018-19 में माननीयों के निधि से 1127 विकास कार्यो के प्रस्ताव करोड़ों जारी, जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय में बगैर उपयोगिता प्रमाण-पत्र जारी कर दी गई राशि

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रीवा. जिले में माननीयों के निधि से कराए जा रहे विकास कार्य अधूरे पड़े हैं। जिम्मेदार माननीयों के द्वारा प्रस्तावित ज्यादातर विकास कार्यों के बगैर उपयोगिता प्रमाण-पत्र लिए राशि कर दी। दिलचस्प बात तो यह कि वर्ष 2019 में सांसद दोबारा चुन लिए गए, लेकिन, अभी तक सांसद निधि का खाता तक नहीं खुला है। कई जनप्रतिनिधियों का तर्क है कि ज्यादातर विकास कार्यों की समीक्षा की जाती है। जबकि कुछ जनप्रतिनिधियों ने मॉनीटरिंग की जिम्मेदार अफसरों के भरोसे छोड़ दी है।
करोड़ों जारी कर विकास कार्य पूछना भूले जिम्मेदार
जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग के रेकार्ड में वित्तीय वर्ष 2018-19 में यानी सांसद-विधायकों के अंतिम साल में करीब बीस करोड़ रुपए विकास कार्यों पर जारी की गई है। सांसद निधि से 246 विकास कार्यों के लिए करीब पांच करोड़ रुपए के बजट को स्वीकृत किया गया है। जबकि विधायक निधि से 1.94 लाख रुपए हर विधायक ने अपने-अपने विकास के लिए बजट दिया है।
सबसे कम प्रस्ताव पर जारी कर दी पूरी निधि
बीते सत्र में सबसे कम विकास कार्यों के प्रस्ताव रीवा विधानसभा के विधायक राजेन्द्र शुक्ल ने पूरी राशि खर्च कर दिया है। जबकि सिरमौर विधायक ने 94 कार्यों पर 1.85 करोड़ रुपए का बजट खर्च किया है। सबसे अधिक प्रस्ताव मऊगंज, सेमरिया और त्योंथर के विधायकों ने प्रस्ताव देकर निधि का उपयोग किया है। सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार ज्यादातर माननीयों के निधि से कराए गए विकास कार्यों के उपयोगिता प्रमाण-पत्र अभी तक नहीं आए हैं।
निर्माण एजेंसियों ने नहीं जारी की सीसी
वित्तीय वर्ष 2018-19 में सांसद और विधायक निधि को मिलाकर 1127 विकास कार्यो पर कुलमिलाकर बीस करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है। ज्यादातर विकास कार्यों की सीसी जारी नहीं हो सकी है।
सांसद के २४६ प्रस्ताव स्वीकृति, कई आवेदन डंप
जिले में बीते सत्र यानी वित्तीय वर्ष 2018-19 में सांसद जनार्दन मिश्र ने विकास कार्य के लिए 300 से अधिक प्रस्ताव भेजे थे। जिसमें २४६ कार्यों की वित्तीय स्वीकृत दी गई थी। पांच करोड़ रुपए का बजट विकास कार्यों के लिए जारी कर दिया गया। ज्यादातर विकास कार्य आज भी अधूरे पड़े हैं। सांसद की ओर से बीते सत्र में भेजे गए सैकड़ो प्रस्ताव अभी भी डंप पड़े हैं।

टोकन में मिलेगी विधायकों की निधि
कांग्रेस सरकार में विधायक निधि टोकन के आधार पर भेजी जाएगी। विधानसभा चुनाव के छह माह बीतने के बाद राज्य सरकार ने विधायकों की पहली किस्त करीब 60-60 लाख रुपए की भेजी है। जबकि वार्षिक निधि 1.94 करोड़ रुपए है। इसके अलावा विधायकों को 15 लाख रुपए हर साल स्वेच्दानुदान दी जाती है। इस बार सरकार विधायकों के प्रस्ताव के आधार पर विधायक निधि जारी करेगी। जैसे-जैसे प्रस्ताव आएंगे, उसी आधार पर प्रस्तावों को स्वीकृत दी जाएगी।
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