मध्य प्रदेश के डीजीपी रीवा संभाग में अपराधों की समीक्षा करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि रीवा और सतना जिले में दस्यु समस्या गंभीर हो रही है। कुछ डकैत गिरोह एमपी-यूपी सीमा पर जंगलों में अपहरण की वारदातों को लगातार अंजाम दे रहे है। इन घटनाओं को रोकने के लिए रीवा व सतना जिले में विशेष सशस्त्र बल प्रदान किया जाएगा जो तराई में डकैतों से निपटेगा। इसके अतिरिक्त सर्चिंग के लिए युवा उपनिरीक्षकों की तैनाती की जाएगी। डीजीपी ने कहा, डकैतों से निपटने के लिए पुलिस व्यापक स्तर पर काम कर रही है और जल्द अच्छे नतीजे सामने आएंगे।
रीवा के डभौरा एवं सतना के चित्रकूट में डकैतों का दबदबा
रीवा जिले के तराई अंचल में डभौरा क्षेत्र के जंगलों में इन दिनों डकैत अड्डा बनाए हुए हैं। पिछले तीन माह में तीन से अधिक अपहरण की घटनाओं को अंजाम देकर सनसनी फैला दी है। इस क्षेत्र के लोग अब दिन में भी जंगल की तरफ जाने डरते हैं। साथ ही शाम ढलते ही लोगों के दरवाजे बंद हो जाते हैं। यहां दहशत का माहौल है। वहीं सतना जिले के चित्रकूट और मझगवां अंचल में भी डकैतों का दबदबा कायम है।
मानव तस्करी पर जताई चिंता
प्रदेश में मानव तस्करी पर भी डीजीपी ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि मानव तस्करी रोकने एक-एक घटना की समीक्षा कराई जा रही है। इसे रोकने सभी प्रयास किए जाएंगे। यह चिंता का विषय है लेकिन इसके रोकथाम के लिए हर स्तर पर कार्य किया जा रहा है।
पुलिस आम आदमी का विश्वास जीते
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि अपराध तभी रूकेंगे जब आम आदमी को विश्वास में लेकर उनको पुलिस की कार्यप्रणाली से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें अपराधों पर लगाम लगाने के लिए आम आदमी का विश्वास जीतकर उनसे सहयोग लेना होगा।