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विश्वविद्यालय डिजिटल लॉकर योजना में छात्रों के रखेगा दस्तावेज, सत्यापन की अलग से नहीं होगी जरूरत

– पांच साल पहले योजना की हुई थी घोषणा अब शुरू होने जा रही है प्रक्रिया- 30 सितंबर को रीवा सहित सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों की बैठक में योजना को मिलेगा अंतिम रूप

रीवाSep 29, 2020 / 10:19 am

Mrigendra Singh


रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के छात्रों से जुड़े दस्तावेज जल्द ही आनलाइन हो जाएंगे। जिसके चलते छात्र अपने दस्तावेज कहीं से भी निकाल सकेंगे। जल्द ही इस नई व्यवस्था की आधिकारिक रूप से शुरुआत हो जाएगी। इससे छात्रों को अपना दस्तावेज लेकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने की आवश्यकता नहीं होगी, वह जहां रहेंगे वहीं से अपनी लागइन आइडी से सारे दस्तावेज निकाल सकेंगे।
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत पांच वर्ष पहले ही इसकी रूपरेखा तैयार की गई थी लेकिन मूर्तरूप देने में लंबा समय लग गया। रीवा के साथ ही प्रदेश के अन्य सभी विश्वविद्यालयों में भी एक साथ ही यह व्यवस्था लागू होने जा रही है। डिजिटल लॉकर के नाम से शुरू की जा रही इस योजना में छात्रों को यह सुविधा मिलेगी कि उनकी अंकसूची, डिग्री और अन्य प्रमुख दस्तावेज आनलाइन उपलब्ध रहेंगे।
इस दिशा में विभाग ने काम शुरू कर दिया है। खास बात यह है कि यह दस्तावेज पूर्व से सत्यापित रहेंगे और छात्र को इन्हें फिर से सत्यापित कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। योजना के तहत छात्रों को डिजिटली वेरिफाइड डाक्यूमेंटस मिलेंगे। बीते कई वर्षों से डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत कागजी दस्तावेजों का कम उपयोग करने पर जोर दिया जा रहा है। शासन की नई योजना विश्वविद्यालय में लागू होने से छात्रों को बड़ा फायदा होगा, क्योंकि उन्हें अक्सर दस्तावेजों की फोटोकापियां देनी होती हैं।

– योजना के लिए पंजीयन कराना होगा
विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों से जुड़ी जानकारी के लिए डिजिटल लॉकर का प्लेटफार्म तैयार किया जाएगा। इसके बाद लिंक मोबाइल एप या पोर्टल पर भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें संबंधित सरकारी और निजी कालेजों को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। जिसके तहत विश्वविद्यालय के नामांकित छात्र डिजिटल लॉकर की सुविधा के लिए एप अथवा वेब पोर्टल पर आधार व ई-मेल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके साथ ही सभी छात्रों को एक लागइन आइडी भी मिल जाएगी। रजिस्ट्रेशन के बाद संबंधित छात्र विश्वविद्यालय का चयन कर और स्वयं का विवरण दर्ज कर दस्तावेज प्राप्त कर सकता है।

– दस्तावेज गुम होने पर नहीं आएगी दिक्कत
अभी तक छात्रों के साथ एक बड़ी समस्या यह होती है कि वह अधिकांश अपना दस्तावेज लेकर यात्रा करते हैं या फिर जहां पर पढ़ाई के लिए जाते हैं, अपने साथ रखते हैं। कई बार चोरी होने या फिर गुम होने की वजह से दोबारा दस्तावेजों का संकलन करना कठिनाई का कार्य होता है। नई योजना लागू होने से छात्रों के लिए मूल दस्तावेज साथ रखने की जरूरत नहीं रहेगी। इसी से सत्यापित अंकसूची प्राप्त की जा सकेगी।

कुलसचिवों की बैठक में बनेगी रणनीति
उच्च शिक्षा विभाग का एक पत्र अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय पहुंचा है। जहां पर कहा गया है कि डिजिटल लॉकर योजना की रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों की 30 सितंबर को बैठक आयोजित की जाएगी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विशेषज्ञों द्वारा योजना के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।

– योजना के स्टेक होल्डर
– प्रमाण पत्र जारीकर्ता- उच्च शिक्षा के अंतरगत विश्वविद्याल को डिजिटल लॉकर पर पंजीयन करना होगा। इसके बाद प्रमाण पत्र टेम्पलेट में जारी कर सकेंगे।
– अनुरोधकर्ता- प्रमाण पत्र के लिए इच्छुक कार्यालय, संस्था जो प्रमाण पत्र का अवलोकन करना चाहता है उसे भी सविधा के लिए डिजिटल लॉकर पर पंजीयन करना होगा।
– नागरिक- विश्वविद्यालय अंतरगत नामांकित छात्र डिजिटल लॉकर एप सुविधा, वेब पोर्टल, इ-मेल के माध्यम से पंजीयन करना होगा। इसके बाद विश्वविद्यालय के चयन कर स्वयं का विवरण दर्ज कर अभिलेख प्राप्त कर सकेंगे।
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