एक ओर भीषण गर्मी पड़ रही है, रीवा में पारा 44 डिग्री के पार पहुंच रहा है। वहीं चिता सजाकर सामाजिक कार्यकर्ता अनशन पर बैठे हैं। प्रशासन की अनदेखी पर कहा है कि प्रशासन भू-माफिया को अधिक दिन तक संरक्षण नहीं दे पाएंगे अधिकारी। जिनकी साठगांठ है वह सब बेनकाब होंगे।
अनशन पर बैठे विश्वनाथ पटेल ने बताया कि रतहरी स्थित शासकीय तालाब की आराजी नं. 218 एवं भीटा 217/1 को गयाचरण वाजपेयी ने पहले अपने नाम से तालाब व भीटा का पट्टा कराया, फिर अल्प आयवर्ग सोसायटी के नाम बिक्री कर दिया। जिसमें राजस्व विभाग एवं नगर निगम से सांठगांठ कर तालाब का स्वरूप आवासीय योजना में बदल कर छोटे-छोटे टुकड़ों में प्लाटिंग करके मंहगे दर से बिक्री कर दिया। इतना ही नहीं नगर निगम द्वारा बनाई रोड को उखाड़कर प्लाट तैयार कर बिक्री कर दिया है। पूर्व में कई स्थानों पर शिकायतें की गई लेकिन हर जगह मामले की अनदेखी की गई। अनशन को समर्थन देने के लिए मोहल्ले के भी लोग जुट रहे हैं।
चार दिन से अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता की हालत बिगडऩे लगी है। इस बीच उनका हाल जानने प्रशासनिक अमला मौके पर नहीं पहुंचा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि भूमाफिया के इशारे पर प्रशासनिक अधिकारी काम कर रहे हैं।