न्याय के लिए अनोखा प्रदर्शन, चिता सजाकर अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता
शहर के रतहरी तालाब की भूमि पर हो रहे अवैधानिक कब्जे में जांच की उठा रहे मांग

रीवा। जो काम प्रशासन को स्वयं करना चाहिए, उसके लिए सामाजिक कार्यकर्ता को अनशन पर बैठना पड़ रहा है। इसके बावजूद प्रशासन अनजान बना हुआ है। शहर के रतहरी तालाब की भूमि में हो रहे अतिक्रमण पर कार्रवाई की मांग को लेकर बीते तीन दिन से अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता विश्वनाथ पटेल(चोटीवाला) की बात सुनने कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है। इस कारण प्रशासन के प्रति स्थानीय लोगों का आक्रोश भी भड़कने लगा है।
अनशनकारी के साथ प्रमुख रूप से राजबहोर यादव, अभिषेक कुमार पटेल, श्रीप्रकाश तोमर, ज्ञानेन्द्र गौतम, राजेश कुशवाहा , राकेश यादव, उमाशंकर, रजनीश कुशवाहा, मुकेश वर्मा, सुरेश पटेल, संतकुमार पटेल, राजकिशोर शर्मा सहित अन्य ने भी धरना शुरू कर दिया है।
भीषण गर्मी के बीच अनशन
एक ओर भीषण गर्मी पड़ रही है, रीवा में पारा 44 डिग्री के पार पहुंच रहा है। वहीं चिता सजाकर सामाजिक कार्यकर्ता अनशन पर बैठे हैं। प्रशासन की अनदेखी पर कहा है कि प्रशासन भू-माफिया को अधिक दिन तक संरक्षण नहीं दे पाएंगे अधिकारी। जिनकी साठगांठ है वह सब बेनकाब होंगे।
कूटरचित दस्तावेज से हथिआई तालाब की भूमि
अनशन पर बैठे विश्वनाथ पटेल ने बताया कि रतहरी स्थित शासकीय तालाब की आराजी नं. 218 एवं भीटा 217/1 को गयाचरण वाजपेयी ने पहले अपने नाम से तालाब व भीटा का पट्टा कराया, फिर अल्प आयवर्ग सोसायटी के नाम बिक्री कर दिया। जिसमें राजस्व विभाग एवं नगर निगम से सांठगांठ कर तालाब का स्वरूप आवासीय योजना में बदल कर छोटे-छोटे टुकड़ों में प्लाटिंग करके मंहगे दर से बिक्री कर दिया। इतना ही नहीं नगर निगम द्वारा बनाई रोड को उखाड़कर प्लाट तैयार कर बिक्री कर दिया है। पूर्व में कई स्थानों पर शिकायतें की गई लेकिन हर जगह मामले की अनदेखी की गई। अनशन को समर्थन देने के लिए मोहल्ले के भी लोग जुट रहे हैं।
हालत जानने नहीं पहुंचा प्रशासनिक अमला
चार दिन से अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता की हालत बिगडऩे लगी है। इस बीच उनका हाल जानने प्रशासनिक अमला मौके पर नहीं पहुंचा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि भूमाफिया के इशारे पर प्रशासनिक अधिकारी काम कर रहे हैं।
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