scriptआपदा प्रबंधन: सरकारें 22 साल बाद भी खड़ी नहीं कर सकीं सुरक्षा दीवार, बाढ़ आयी तो फिर डूब जाएंगे 125 गांव | Disaster Management: Governments can not build even after 22 years | Patrika News

आपदा प्रबंधन: सरकारें 22 साल बाद भी खड़ी नहीं कर सकीं सुरक्षा दीवार, बाढ़ आयी तो फिर डूब जाएंगे 125 गांव

locationरीवाPublished: Jun 23, 2019 01:23:53 pm

Submitted by:

Rajesh Patel

जिले में यूपी के बांधों से भयभीत रहते हैं ग्रामीणा, साल-दर-साल हो रही बैठकें बेनतीजा

Flood disaster management In the Collectorate, the Superintendent

Flood disaster management In the Collectorate, the Superintendent

रीवा. एमपी-यूपी सीमावर्ती क्षेत्र में बारिश का मौसम आते ही सवा सौ गांवों के लोग बाढ़ के डर से सहम जाते हैं। परेशान करने करने वाली बात यह कि सरकारें बाढ़ से निपटने के लिए २२ साल बाद भी बेलन और टमस नदियों पर सुरक्षा दीवार (बांध) नहीं बना सकीं। बारिश शुरू होते ही दो राज्यों के बार्डर पर सवा सौ गांव में बाढ़ का भय सताने लगता है। फौरीतौर पर बाढ़ से निपटने के लिए हर साल दोनों राज्यों के अफसर बैठकें कर रहे हैं। लेकिन, बाढ़ की विभीषिका को लेकर स्थाई हल नहीं निकाला गया।
एमपी-यूपी बार्डर पर 125 गांव में हर साल आती है बाढ़
प्रदेश के पड़ोसी राज्य यूपी के प्रयागराज-मिर्जापुर में स्थित मेजा, सिरसी, अदवा बांध और नदियां बेलन, नयना, गोरमा बारिश के दौरान ओवरफ्लो हो जाती हैं। जिसका असर जिले के तराई अंचल में पड़ता है। जिला प्रशासन के रेकार्ड के अनुसार वर्ष 1997 में यूपी के बांधों का पानी खोल दिए जाने से जिले के त्योंथर तहसील के १२५ गांवों में पानी भर गया था। बेलन-टमस नदी के आस-पास के 49 गांव जलमग्न हो गए थे। बाढ़ का सिलसिला वर्ष 2003 और 2007 जारी रहा। बाढ़ की चपेट में आने से हर बार सैकड़ों परिवारों के घर जमींदोज हो गए।
1997 में नदियों में सुरक्षा दीवार बनाने बनी थी सहमति
वर्ष 1997 में यूपी के बांधों और नदियों के बाढ़ से निपटने के लिए दोनों राज्यों की तत्कालीन सरकारों ने बेलन-टमस से प्रभावित गांवों में सुरक्षा दीवार बनाने का मसौदा तैयार किया था। जल संसाधन विभाग के तत्कालीन अफसरों ने बांध और सीमावर्ती क्षेत्र की पहाड़ी नादियों में डैम बनाए जाने का प्रस्ताव यूपी व गंगा नियंत्रण आयोग पटना सहित केन्द्रीय जल आयोग को भेजा था। तबसे लेकर दोनों राज्यों के अफसरों की बारिश आने से पहले बैठकें होती आ रही हैं। लेकिन, सुरक्षा दीवार बनाने का मुद्दा गायब हो जाता है।
दोनों राज्यों के बीच 12 साल से हो रहीं बैठकें
जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में बाढ़ की रोकथाम के लिए यूपी और एमपी के बीच आपदा प्रबंधन की तैयारी को लेकर वर्ष 2006 में शुरू हुई बैठक लगातार 12 साल से होती रही है। तत्कालीन सरकारों ने फौरीतौर पर बाढ़ से निपटने के लिए एमपी-यूपी के सीमावर्ती जिले के संभागायुक्त की निगरानी में बाढ़ आपदा प्रबंधक के अधिकारियों की समिति बनाई गई। पिछले साल बैठक प्रयाराज में हुई थी, इस बार रीवा में बैठक आयोजित की जाएगी। बैठक की तैयारियां भी चल रहीं हैं। जिसमें जल्द ही दोनों राज्यों के अफसरों के बीच एक बार फिर बाढ़ से निपटने को लेकर मंथन होगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो