स्टेट बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष शिवेंद्र उपाध्याय ने बताया कि उनके एक पक्षकार के खिलाफ रीवा जिले के सिरमौर सत्र न्यायालय में हत्या का मामला विचाराधीन है। इसी मामले में अपने पक्षकारों का मेडिकल कराने के लिए उन्हें आवेदन देना था। बीते गुरुवार को हाइकोर्ट की ओर से वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई किये जाने का आदेश दिए जाने के बाद उन्होंने इसके तारतम्य में रीवा जिला एवं सत्र न्यायाधीश को फोन कर आवेदन की सुनवाई करने का आग्रह किया। उनके व्हाट्सएप नम्बर पर इसके लिए विधिवत आवेदन भेजा गया। ई-मेल आईडी पर आवेदन की पीडीएफ कॉपी भी भेजी गई। डीजे ने आवेदन मंजूर कर इसे सम्बंधित न्यायाधीश के पास भेजा। वहां से सूचना दी गई कि आवेदन मंजूर हो गया है।
आवेदन मंजूर होने के तुरंत बाद एड. उपाध्याय को रीवा जिला अदालत के मुख्य सर्वर से सूचना दी गई कि शुक्रवार को 4 बजे उनके मामले की सुनवाई होगी। वे तैयार रहें। उपाध्याय ने बताया कि ठीक 4 बजे उन्हें फोन के जरिये वीसी से कनेक्ट कर दिया गया।
दूसरी ओर सिरमौर के न्यायाधीश, सरकारी वकील और आरोपी सहित पुलिसकर्मी अदालत में मौजूद थे। सभी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दूर-दूर खड़े थे। उपाध्याय ने फोन के जरिए ही अपने मामले में बहस की।
वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिए की गई सुनवाई की जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरूण कुमार सिंह ने मॉनीटिरिंग की। डीजे भी वीसी से जुड़ें और पूरी कार्रवाई की मॉनीटरिंग करते नजर आए। उन्होंने बताया कि बिना किसी बाधा के मामले में सुनवाई की गई।
उपाध्याय ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि सुनवाई का ये तरीका सामान्य दिनों में खासा प्रभावी साबित हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार इस तरीके से लम्बित मामलों में गवाहों के बयान भी लिए जा सकते हैं।