scriptजिपं सदस्यों का विकल्प के खर्च पर खींचतान, छह करोड़ से ज्यादा का लटका विकास | District Panchayat Office in rewa | Patrika News

जिपं सदस्यों का विकल्प के खर्च पर खींचतान, छह करोड़ से ज्यादा का लटका विकास

locationरीवाPublished: Oct 14, 2019 12:36:32 pm

Submitted by:

Rajesh Patel

जिपं सदस्यों के प्रस्ताव की कागजी प्रक्रिया के चलते वित्तीय वर्ष 2019-20 मे अभी तक नहीं रखी गई विकास की एक ईंट

Uproar in the District Panchayat Office

Uproar in the District Panchayat Office

रीवा. जिला पंचायत कार्यालय में निर्वाचित पदाधिकारियों के विकल्प कार्य के लिए साढ़े छह करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट विकास पर खर्च नहीं किया जा सका है। सदस्यों की बैठक के बाद अब विकास का पहिया कागजी प्रक्रिया में रुका हुआ है। चालू वित्तीय वर्ष का सात माह बीतने के बाद भी अभी तक विकल्प के तहत विकास की एक ईंट नहीं रखी जा सकी है। हैरान करने वाली बात तो यह कि बीते वित्तीय वर्ष का बजट भी माननीय सदस्य विकास पर खर्च नहीं कर सके। जिला पंचायत के सदस्यों और अधिकारियों के बीच आपसी खींचतान के चलते निर्माणाधीन विकल्प कार्यों की दूसरी किस्त जारी नहीं की जा सकी।
विकल्प को विकास पर नहीं कर पा रहे खर्च
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ओर से जिला पंचायत कार्यालय में वित्तीय वर्ष 2019-20 में जिपं सदस्यों के विकल्प कार्यों के लिए साढ़े पांच करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया है। वित्तीय वर्ष का सात माह बीत गए। लेकिन, अभी तक विकल्प के तहत भी निर्माण कार्य चालू नहीं किए जा सके। बताया गया कि विकल्प कार्यो के लिए बजट के अनुमोदन के लिए कई बार सदस्यों की बैठक बुलाई गई। आपसी खींचतान के चलते सहमती नहीं बन सकी। जिससे करोड़ों रुपए का विकास लटका रहा।
पखवाड़ेभर बाद सदस्यों के प्रस्ताव पर कार्रवाई नहीं
पखवाड़ेभर पहले सामान्य सभा की बैठक में सदस्यों ने शासन की गाइड लाइन के अनुसार प्रस्ताव लाकर बजट आवंटन का अनुमोदन किया है। अभी तक कई सदस्यों ने प्रस्ताव नहीं दिया है। जिससे विकल्प के तहत राशि जारी नहीं हो सकी है। कागजी प्रक्रिया की धीमी प्रगति के कारण काम चालू नहीं हो सके हैं। बताया गया कि ज्यादातर विकल्प के प्रस्ताव को जिला पंचायत कार्यालय में जमा कर दिया है। इसके बावजूद अभी तक राशि जारी नहीं की जा सकी। उधर, बताया गया कि सदस्यों के बीच आपसी खींचतान के लिए विकल्प के तहत विकास की प्रक्रिया चालू नहीं हो सकी है।
जिपं में करोड़ो के काम अपूर्ण
वित्तीय वर्ष 2018-19 में करीब छह करोड़ रुपए का बजट आया था। विकल्प के तहत सदस्यों के द्वारा प्रस्ताव दिए गए। प्रथम किस्त जारी की गई। अभी तक दर्जनों कार्यों की दूसरी किस्त तक जारी नहीं की गई है। बीते वित्तीय वर्ष में भी अभी तक करीब ढाई करोड़ रुपए विकास पर खर्च नहीं हो सका है। ये कहानी अकेले इस वित्तीय वर्ष की नहीं बल्कि बीते साढ़े चाल साल में जिला पंचायत कार्यालय के सदस्यों की कमोवेश यही स्थिति रही। ज्यादातर बैठकों में हंगामा के अलावा कुछ कार्य नहीं किए गए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो